TNP DESK- झारखंड से हर बार मुख्यमंत्री विदेश जाते हैं और झारखंड में निवेश करने का न्योता देते हैं. चाहे रघुवर राज्य की बात करें या फिर हेमंत सोरेन की. रघुवर दास भी सात दिवसीय जापान और कई देश गए थे लेकिन अब हेमंत सोरेन स्वीडन और स्पेन की यात्रा पर निकले हैं. दावा किया गया है कि झारखंड में निवेश बढ़े उसका न्योता वहां के उद्योग पतियों को देंगे .

लेकिन चलिए इस पूरी यात्रा की कहानी बताते हैं की करोड़ों रुपए खर्च करके मुख्यमंत्री विदेश जाते हैं तो उसका फलाफल क्या निकलता है. सबसे पहले रघुवर दास की बात करेंगे जब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे तो 2017 में वह चेज पब्लिक और जापान के यात्रा पर गए थे. सात दिवसीय इस यात्रा में झारखंड के कई अधिकारी भी शामिल थे. इसमें कई कंपनियों अधिकारी और सीईओ से मुलाकात हुई थी. जिसमें सोजकू इंडिया मित्सुई इंडिया मित्सुबिसी हेवी इंडस्ट्री इंडिया, निप्पों स्टील, सुमित्रा इंडिया जैसी जापानी कंपनी से निवेश की संभावना मिली थी.

उसके बाद जब मुख्यमंत्री वापस आए थे तो उस वक्त के मंत्री सीपी सिंह ने कहा था कि झारखंड में मेट्रो बनाने की दिशा में काम किया जाएगा. इसमें जापान से सकारात्मक पहल हुई है. साथ ही बड़े निवेश आने की संभावना बढ़ी है लेकिन उसके बाद कोई भी निवेश झारखंड में नहीं हुआ और ना ही मेट्रो की पहल की गई थी

अब फिर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विदेशी यात्रा पर है. स्वीडन और स्पेन गए हुए हैं. उनके साथ 12 सदस्य टीम है जिसमें कई झारखंड के अधिकारी शामिल है. ऐसे में फिर सवाल है कि आखिर इन यात्राओं से झारखंड को क्या मिलेगा और झारखंड में क्या निवेश होगा. अगर देखे तो झारखंड में निवेश आना एक बड़ी समस्या है क्योंकि सबसे पहले जमीन अधिग्रहण का मामला फसता है और उसके बाद उस तरह का माहौल झारखंड में अब तक नहीं है जिससे विदेशी यहां आकर के निवेश कर सके. यही कारण है कि यात्रा के बाद भी कोई निवेश झारखंड में नहीं आता.

अब अगर देखे तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यात्रा पर करीब 3 करोड़ से अधिक खर्च होना है जिसमें सुरक्षा से लेकर रहने खाने और यात्रा शामिल है. ऐसे में इतनी खर्च के बावजूद भी अगर झारखंड में कोई निवेश नहीं आता तो फिर पैसा पानी में बह गया कहना तो गलत नहीं होगा.

इससे पहले कोलकाता में बिजनेस मीट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए थे जिसमें निवेशकों को झारखंड आने का न्योता भी दिया था. उसके बाद देश के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अदानी झारखंड पहुंचे थे और हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी लेकिन निवेश की दिशा में क्या कुछ बात हुई इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. बीच में 17000 करोड रुपए अलग-अलग कंपनियों द्वारा निवेश किए जाने की बात सामने आई थी और मुख्यमंत्री के सचिवालय से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया था की बंदे भारत से लेकर बीएमडब्ल्यू तक के कई समान झारखंड के अलग-अलग इलाकों में बनाए जाएंगे जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा.

रिपोर्ट: समीर हुसैन