रांची(RANCHI): झारखंड की महिलाएं इस वक्त मंईयां योजना के नौवीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं. अप्रैल महीने की 15 तारीख बीत चुकी है लेकिन अब तक मंईयांओं के खाते में योजना की नौवीं किस्त नहीं पहुंची है. वहीं, कई लाभूक महिलाएं ऐसी भी हैं जिनके खाते में अब तक तीन माह (जनवरी से मार्च तक) की किस्त भी नहीं आई है. लाभूक महिलाएं इसी उधेड़बुन में हैं की उनके खाते में पैसे आएंगे भी या नहीं. ऐसे में अब योजना को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ गया है.

दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद योजना के लाभुकों का डाटा सत्यापन किया जा रहा है. ऐसे में 53,64,490 लाभूक जिनके फॉर्म का सत्यापन हो चुका है, उनके खाते में तीन माह (जनवरी से मार्च तक) की किस्त भी भेजी जा चुकी है. लेकिन इस सत्यापन प्रक्रिया में करीबन 2,97,301 लाभूक महिलाओं की जानकारी सही नहीं पाई गई है. ऐसे में अब तक इनके खाते में तीन माह (जनवरी से मार्च तक) की किस्त नहीं भेजी गई है. इनकी तीन माह की राशि 7500 रुपए अभी होल्ड पर रखी गई है. ऐसे में जिन लाभूक महिलाओं का डाटा सत्यापन हो चुका है उन्हें अप्रैल महीने की योजना की राशि सरकार भजेने की तैयारी कर रही है.

बता दें कि, राज्य की 2 लाख से अधिक लाभूक महिलाओं द्वारा योजना के आवेदन में दी गई जानकारी व कागजात जैसे राशन और बैंक से जुड़ी जानकारी रिकॉर्ड से नहीं मिल रही है. इसके अलावा कई लाभूक महिलाओं के फॉर्म में कई जानकारियां गलत दी गई हैं. इस कारण उनका डाटा सत्यापन फेल हो गया है. जिस कारण योजना की राशि रोक दी गई है. ऐसे में डाटा सत्यापन के दौरान जिन लाभूक महिलाओं की जानकारी सही नहीं पाई गई है उनसे प्रखण्ड व अंचल कार्यालयों में दोबारा से फॉर्म भरवाया जा रहा है.

अगर आपको भी अब तक जनवरी से मार्च तक की किस्त नहीं मिली है तो फिर प्रखण्ड या अंचल कार्यालय में जाकर दोबारा से योजना का फॉर्म भरकर जमा कर दें. जिसके बाद आपका डाटा सत्यापन करने के बाद आपके खाते में योजना की राशि भेजी जाएगी.

बता दें कि, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में अब लाभुकों को अप्रैल महीने से केवल आधार लिंक सिंगल बैंक खाता के जरिए ही राशि का भुगतान होगा. अप्रैल महीने से प्रत्येक सही लाभुकों को 2500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. वहीं, लाभुकों की वास्तविक पहचान करने के लिए महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग अब राशन कार्ड का भी सत्यापन करेगा. इसके लिए नोडल विभाग ने खाद्य आपूर्ति विभाग से राशन कार्ड पोर्टल के एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस के उपयोग की स्वीकृति मांगी है. जांच से यह भी पता चलेगा कि लाभुकों का राशन कार्ड आधार लिंक है या नहीं.