धनबाद (DHANBAD) : कहा तो यही जाता है कि मंईयां सम्मान योजना की वजह से ही झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार रिपीट हुई है. लेकिन विपक्ष अब इस योजना को ही सरकार को घेरने का "हथियार" बनाने की तैयारी में है. कमियों को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में है. मानसून सत्र पहली अगस्त से 7 अगस्त तक चलेगा. भाजपा सूत्रों के अनुसार इस सत्र में विधानसभा में सबसे अधिक जो हंगामा होगा, वह इसी योजना को लेकर होगा. विपक्ष इसी की तैयारी में है. इसके अलावा भी कई योजनाओं को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी है.
धनबाद का मामला भी रह सकता है छाया
धनबाद भी मानसून सत्र में छाया रह सकता है, क्योंकि बाघमारा में अवैध खदान धंसने का मामला विधानसभा में उठ सकता है. विधायक सरयू राय ने इसके लिए नोटिस भी दे दिया है. भाजपा धंसान की घटना की सीबीआई जाँच की मांग कर चुकी है. इधर, विपक्ष का कहना है कि मंईयां सम्मान योजना, जो महिलाओं को आर्थिक मदद के लिए शुरू कई की गई थी. विपक्ष के आरोप के मुताबिक इसके इंप्लीमेंटेशन में कई गड़बड़ियां है.
आरोप है कि कई पात्र लाभुकों को फ़ायदा नहीं मिल रहा
कई पात्र महिलाओं को लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि अपात्र के नाम सूची में शामिल है. इसके अलावा लाभुकों की पहचान की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए जा सकते है. सरकार ने 58 लाख महिलाओं को इसका लाभ देने की पहल की. लेकिन उसके बाद जब जांच बढ़ी तो कई तरह की गड़बड़ियां सामने आने लगी. बिहार, बंगाल के लोगों का नाम भी सामने आने लगा. झारखंड पुलिस को जांच के लिए बिहार के किशनगंज जाना पड़ा. बंगाल से भी कई गड़बड़ियां सामने आई है. कई तरह के फर्जीवाड़े सामने आए है. यह भी खुलासा हुआ है कि महिलाओं की जगह पुरुषों को लाभ मिलने लगा.
भाजपा और आजसू कमर कस कर तैयार बैठी है
भाजपा और आजसू तो इस योजना को लेकर सरकार से सवाल-जवाब की तैयारी में है. इधर, सत्ता पक्ष का कहना है कि भाजपा शासित प्रदेशों में तो यह योजना है ही नहीं ,इसलिए भाजपा के लोगों को कुछ बोलने का हक नहीं है. सत्ता पक्ष का कहना है कि योजना को सफल बनाने के लिए निरंतर समीक्षा और सुधार किये जा रहे है. रोजगार का मुद्दा भी उठ सकता है. आपको बता दें कि भाजपा ने मानसून सत्र को देखते हुए मुख्य सचेतक और सचेतक का मनोनीत कर दिया है. विधायक नवीन जायसवाल को मुख्य सचेतक बनाया गया है. मतलब साफ है कि भाजपा मानसून सत्र में सरकार को घेरने की पहले से ही तैयारी किए बैठी है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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