टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : मॉनसून की बारिश लोगों को जितना परेशान कर रही है, उतना ही किसानों के लिए राहत बनकर आई है. ऐसे मौसम विभाग की ओर से आगामी 23 और 24 जुलाई को अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग की मानें तो उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक नए निम्न दबाव का क्षेत्र (A Low Pressure Area) बनने की संभावना बन रही है. 

इस मौसमी प्रणाली के प्रभाव से झारखंड के कुछ जिलों में 23 और 24 जुलाई के दौरान भारी से अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है. किसानों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक सावधानी बरतें. इस दौरान वज्रपात और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटा) की भी संभावना है. 

भारी वर्षा से प्रभावित होने वाले जिले :
मध्य झारखण्ड (राँची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद, लोहरदगा, खूंटी तथा रामगढ़)दक्षिणी झारखण्ड (पूर्वी सिंघभूम, पश्चिमी सिंघसूम, सिमडेगा तथा सरायकेला खरसावाँ), उतर-पश्चिमी झारखण्ड (पलामू, गढ़वा, चतरा तथा लातेहार), उतर-पूर्वी झारखण्ड (देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामतारा, पाकुर और साहेबगंज). 
23 जुलाई को राज्य के सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, देवघर, जामतारा, दुमका, गोड्डा, पाकुर और साहिबगंज जिलों में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा की संभावना है. वहीं 24 जुलाई को राज्य के पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सराइकेला-खरसावाँ जिलों में कहीं-कहीं पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना बन रही है. साथ ही बोकारो, धनबाद, देवघर, जामतारा, दुमका, गोड्डा, पाकुर और साहिबगंज जिलों में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा की संभावना है.

  • ऐसे में किसानों को निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है : 
    अभी अभी बोई गई फसलों में जल जमाव के कारण जल निकासी की उचित व्यवस्था करें
  • नत्तर बानी सब्ज़ियों को सहारा दें.
  • परिपक्व फल एवं सब्ज़ियो कि तुद्राई कर लें एवं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखें.
  • सब्ज़ियों के नर्सरी में जल जमाव के कारण सब्जियों का सडन, बड़ी फसल में रोग के प्रसार को कम करने के लिए गिरे हुए फलों को हटा दें.
  • धान, मक्का, मूंग अन्य खरीफ फसलें
    फलों का झड़ना फलों पर दाम लगना
    किसी भी तरह के डिकाय के लिए साफ मौसम के लिए रुके.
  • अभी अभी बोई गई फसलों में जल जमाव के कारण अंकुरण ना होना
    खेत में जल निकासी की उचित सुविधा बनाए रखें
  • परिपक्ष मक्का की कटाई कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें, जल निकासी की उचित सुविधा रखें.
  • बोई गई दलहनी एवं तिलहनी फसलों में जल जमाव से बीजों का सहना
    खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें
  • मवेशियों को खुले में ना छोड़ें. मौसम की स्थिति देख कर ही उन्हें बाहर ले जाएँ. मवेशियों के घर को अच्छी तरह ढक दें.