जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर के मानगो की स्नेहा ने इतिहास रच दिया है. जहां विश्व स्ट्रेंथलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीते इनहोन दो स्वर्ण पदक अपने का नाम कर लिया है. पिता की कोशिशों और कड़ी मेहनत से बड़ी कामयाबी हाशिल की है, साथ ही थाइलैंड में देश के साथ झारखण्ड का परचम लहराया है. मगर राज्य सरकार से नाराज है. क्योंकि देश के लिए स्वर्ण पदक जितने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा, जिससे मीडिया के पास उनका दर्द छलक गया. स्नेहा राज्य सरकार से खर्च की मांग कर रही है. स्नेहा का कहना है कि किसी प्रकार की सहायता राज्य सरकार से तो नहीं मिला है.

12वीं विश्व स्ट्रेंथलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मुकाम किया हासिल

आपको बता दें कि थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में 16 से 19 जुलाई तक आयोजित 12वीं विश्व स्ट्रेंथलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत की बेटी और झारखण्ड के जमशेदपुर के मानगो गौड़ बस्ती निवासी स्नेहा कुमारी ने देश का नाम रोशन किया है. 25 वर्षीय स्नेहा ने इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान हाशिल कर दिया है.

कई देश के खिलाड़ियों को पछाड़कर निकली आगे

स्नेहा ने दो वर्गों में स्वर्ण पदक स्ट्रेंथलिफ्टिंग और आइबी (इंक्लाइन बेंचप्रेस) वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है. उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान करीब 100 किलोग्राम भार उठाया, जिससे निर्णायकों और दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी दी थी.प्रतिस्पर्धा में कई देशों की भागीदारीइस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, रूस और मेजबान थाइलैंड सहित कई देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था. कठिन मुकाबले के बीच स्नेहा का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है.

पिता रहे उनके प्रेरणा स्त्रोत

माता पिता से प्रेरणा, रोजाना चार घंटे का अभ्यास कर स्नेहा ने यह मुकाम क़ायम किया है.स्नेहा ने बताया कि उनके माता और पिता कामेश्वर ठाकुर उनके प्रेरणास्त्रोत है. उन्होंने कहा, पिछले वर्ष आर्थिक तंगी के कारण वे इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकी थी, लेकिन इस बार पापा ने हरसंभव प्रयास कर उन्हें मौका दिलाया.वह प्रतिदिन चार घंटे का अभ्यास करती थी, जिससे उन्हें यह सफलता हाशिल हुई है.

कई अंतरराष्ट्रीय पदक पहले भी अपने नाम कर चुकी है

कई अंतरराष्ट्रीय पदक पहले भी अपने नाम कर चुकी हैं स्नेहा नेताजी यूनिवर्सिटी की मेडिकल की छात्रा है और इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी है.उनकी यह उपलब्धि झारखंड और खासकर जमशेदपुर के लिए गौरव की बात है.वही स्नेहा के जीत से उनके माता पिता काफी खुश है, उन्होंने कहा कि स्नेहा का लगन और मेहनत उसको इस मुकाम तक पहुंचाया है, पिछले वर्ष तंगी के कारण वे उसे इस प्रतियोगिता मे नहीं भेज सके थे, इस बार घर रिपयरिंग करवाने के नाम पर लोन लिया था, मगर झारखण्ड से स्नेहा का चयन हुआ तो उस पैसे से स्नेहा को इस प्रतियोगिता मे भेज दिया और आज स्नेहा ने देश के साथ झारखण्ड का भी परचम विश्व मे लहराया है.

रिपोर्ट-रंजीत ओझा