रांची (RANCHI): झारखंड हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार को 21 नवंबर को सशरीर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक रौशन की एकल पीठ ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.

अदालत ने स्पष्ट कहा कि केवल प्रोन्नति देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रोन्नति की तिथि से पदानुसार वेतन वृद्धि का लाभ भी दिया जाना चाहिए. न्यायालय ने यह भी कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन न करना अवमानना माना जाएगा.

राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं को जूनियर इंजीनियर (JE) से असिस्टेंट इंजीनियर (AE) पद पर प्रोन्नति दी जा चुकी है, लेकिन प्रोन्नत पद पर ज्वाइन करने के बाद ही वेतन बढ़ोतरी का लाभ दिया जाएगा.

वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमरेंद्र प्रधान ने कोर्ट को बताया कि प्रोन्नति तो दी गई है, लेकिन जिस तारीख से प्रोन्नति प्रभावी हुई, उस दिन से वेतन का लाभ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि विभाग ने सिर्फ औपचारिकता निभाई है, जबकि वास्तविक लाभ नहीं दिया गया.

यह मामला जूनियर इंजीनियर (JE) से सहायक अभियंता (AE) और आगे एसई पद पर प्रोन्नति से जुड़ा है. इस संबंध में विक्रम मंडल और अन्य अभियंताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रोन्नति की तिथि से वेतन भुगतान की मांग की है.