देवघर (DEOGHAR): देवघर के चितरा स्थित एसपी माइंस में अब रविवार को कामकाज नहीं किया जाएगा.इसको लेकर प्रबंधन ने कल आदेश भी जारी कर दिया है. प्रबंधन का मानना है कि घाटे में चल रही कोलियरी को इससे कुछ राहत मिलेगी. दरअसल ईसीएल की एसपी माइंस 1974 में राष्ट्रीयकृत हुई थी. इसके कई वर्षों के बाद उत्पादन में तेज़ी लाने के लिए रविवार को भी काम चालू रखने के लिए कार्यदिवस निकाला गया. यह पहला मौका है जब रविवार को कर्मियों को काम करने पर रोक लगा दी गयी है. ऐसा इसलिए कि कोलियरी कर्मी कर्मी छुट्टी के दिन काम करते है उनका मेहनताना दुगुना उन्हें मिलता है. इस कोलियरी के उत्पादन को हाइवा के माध्यम से जामताड़ा रेलवे साइडिंग भेजा जाता था. लेकिन जामताड़ा जिला प्रशासन द्वारा अनफिट गाड़ियों के परिचालन पर रोक के आदेश के बाद इसी माह के 9 तारीख से कोयला की ढुलाई पूर्ण रूप से ठप कर दी गई है.
पिछले 19 दिनों में कोलियरी को 25 करोड़ का हुआ नुकसान
ट्रांसपोर्टर और संघ द्वारा पिछले 19 दिनों से ढुलाई का कार्य ठप रहने से कोलियरी को 25 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसी नुकसान को पाटने के लिए कोलियरी प्रबंधन ने रविवार को सभी तरह का कार्य बंद करने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय के खिलाफ मजदूर संघ और कोलियरी कर्मी प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आज सुबह बड़ी संख्या में कोलियरी कर्मी अपने कार्यालय के सामने बैठ कर प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
कर्मियों का मानना है कि रविवार के दिन काम करने से दो दिन का मेहताना मिलता है वो अचानक बंद हो गया. कर्मियों का काम है कोयला का उत्पादन करना जबकि प्रबंधन का काम है इसे बेचना. प्रबंधन का निर्णय बिल्कुल गलत है.
दूसरी ओर प्रबंधन का मानना है कि यह कोलियरी पिछले तिमाही अपने लक्ष्य से 48 फ़ीसदी पीछे है जिससे कोलियरी को बहुत नुकसान हो रहा है. इसी नुकसान को कम करने के लिए रविवार को कोलियरी का कार्य बंद किया गया है. हालांकि प्रबंधन कोयला ढुलाई शुरू करने के लिए हर स्तर पर बातचीत कर रही है.
रिपोर्ट रितुराज सिन्हा
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