रांची(RANCHI): राजधानी रांची में बुधवार की सुबह 10 साल की बच्ची का अपरहरण कर लिया गया. इसके बाद तो पुरे झारखण्ड में हड़कंप मच गया, लेकिन इस घटना के महज दो घंटे में पुलिस ने ऐसा जाल बिछाया और अपनी दिलेरी दिखाई की बच्ची सुरक्षित बरामद कर ली गयी. अब बच्ची के परिजन और सामाजिक कार्यकर्ता सभी पुलिस की तारीफ कर रहे है. इस ऑपरेशन में सबसे ज्यादा चर्चा रांची के एसएसपी की रणनीति और मांडू के दरोगा की दिलेरी की हो रही है. जिसके बदौलत बच्ची आज अपने परिवार के पास है.
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सबसे पहले आपको पूरी घटना बताते है. समय 10 बज रहा था जब सभी बच्चे स्कूल जा रहे थे. इसी में रांची की रहने वाली आएशा भी अपने घर वालो को टाटा बोल कर ई रिक्शा से स्कूल के लिए निकल गई. इस बीच सभी अपनी बच्ची को मुस्कुराते हुए विदा कर रहे थे. उन्हें मालूम नहीं था की कुछ देर बात एक बवंडर उनके ज़िन्दगी में आएगा. बच्ची घर से निकल गई. वह सीरम टोली फ्लाईओवर के पास पहुंची. उसके साथ ई रिक्शा पर दो और बच्ची थी. सभी आपस में कुछ बात कर रही थी.
लेकिन इसी बीच एक कार आकर रिक्शा के आगे रूकती है. फिर कार से तीन बदमाश उतरते है. सभी का चेहरा ढका हुआ था. पहले सभी ने आपस में कुछ बात की. इसके बाद बच्ची का नाम पूछा की आयशा कौन है. जैसे ही उसने मुस्कुराते हुए बताया कि अंकल हम है. इतने में अपराधियों ने बच्ची को पकड़ कर अपनी गाड़ी में बैठा लिया, और फिर वह सीधे बहु बाजार की ओर भागे. रातू रोड फ्लाईओवर पकड़ कर कोकर के रास्ते रामगढ़ निकल रहे थे.
इसी बीच टोटो चालक ने बच्ची के घर वालों को फोन कर पूरी जानकारी दी. जिसके बाद चुटिया थाना को बताया गया कि बच्ची का अपरहरण हो गया. जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली. तुरंत अपने वरीय अधिकारीयों को सुचना दी गयी. इसके बाद अब रांची एसएसपी चन्दन कुमार सिन्हा ने एक टीम बनाई. टीम में हटिया DSP प्रमोद मिश्रा के साथ थाना के कई दरोगा को शामिल किया गया. आस पास के CCTV कैमरे को खंगाला गया. इसके बाद जानकारी मिली की सभी रामगढ़ की ओर निकले है.
टीम रामगढ़ बढ़ रही थी, लेकिन इससे पहले रामगढ़ पुलिस को एक्टिव किया गया. रास्ते में पड़ने वाले मांडू थाना को पहले सुचना दी गयी. मांडू थाना प्रभारी तुरंत एक्टिव हो गए.अपने गाड़ी में जवानों को बैठा कर हाईवे पर मुस्तैद दिखे. इस बीच ही एक गाड़ी तेज रफ्तार से आती दिखी. जिस गाड़ी का नंबर रांची पुलिस ने बताया था वही गाड़ी थी. दरोगा ने उसे रुकने का इशारा किया. लेकिन वह भागने लगे. गाड़ी की स्पीड करीब 100 के पार थी. जब गाड़ी आगे निकली तो वह पीछा करने लगे. इस बीच उन्होंने कमर से पिस्टल निकाल कर अपराधियों पर चलती गाड़ी में तान दिया. इसके बाद भी अपराधी रूके नहीं आखिर में कुज्जू में भीड़भाड़ वाले इलाके में अपराधी पहुंच गए.
गाडी की स्पीड थोड़ी कम हुई. इसके बाद दरोगा ने ड्राइवर को गाड़ी में धक्का मारने को कहा. जिसके बाद गाडी में ठोकर मारी गयी. दरोगा ने फिर पिस्टल तान दी. जब अपराधियों को लगा कि अब पकड़े जायेंगे तो सभी ने बच्ची को गाड़ी के नीचे फेंक दिया और भागने लगे. दरोगा ने पहले बच्ची को बरामद किया और पीछे से आ रही टीम के हवाले कर दिया. इसके बाद अब रामगढ़, रांची और हज़ारीबाग़ तीनो जिला की पुलिस अपराधियों के गिरफ़्तारी के लिए पीछा कर रही है.
रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने बताया है कि पूरी मामले में कार्रवाई जारी है. जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. अब जिस तरह से पुलिस की कार्रवाई हुई है. इससे यह साबित हुआ है कि एक बेहतर तालमेल का परिचय झारखण्ड पुलिस ने दिया है.
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