साहिबगंज:जिले के तालझारी प्रखंड क्षेत्र में जिला प्रशासन व शासन विकास का चाहे लाख दावे कर लें. लेकिन जिम्मेदारों का यह दिखावा सिर्फ बड़े-बड़े मंचो पर ही अच्छा लगता है. जिम्मेदारों की लाहपरवाही का दंश हमेशा से ही आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बसने वाले भोले-भाले संथाल आदिवासी समाज के लोगों को ही झेलना पड़ता है. वहीं कुर्सी पर बैठे जिम्मेदारों पर कई बड़े सवाल खड़ा करने वाला यह ताजा तालझारी मामला प्रखंड क्षेत्र के बृंदा वन पंचायत पर स्तिथ कोंगाबेड़ा गाँव से सामने आया है. इस गांव में नाली नहीं बनने से सड़क किनारे खाई नुमा गड्ढे हो गए है. इतना ही नहीं बल्कि उस गड्ढे में जल जमाव भी हो गया है. जिससे ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके आलावे कोंगाबेड़ा गाँव के जर्जर पथरीले सड़क की स्तिथ इतना खराब हो गया है कि गाँव के लोग जब अपने घरों से निकलते है तो पैर में चप्पल पहने के वजाय हाथ में चप्पल लेकर निकले है.

वहीं सड़क किनारे जल जमाव होने के कारण ग्रामीणों में कई जानलेवा बीमारी फैलने का भी भय बना हुआ है. ग्रामीण बताते है कि सालों पहले में पीडब्लूडी के तहत कुछ दूरी तक पीसीसी सड़क का कार्य किया गया था.लेकिन पहाड़ से उतरता पानी का निकासी नहीं होने के कारण सड़क जगह-जगह पर टूट गया है और जहाँ सड़क नहीं बना है वहाँ भी बड़ा ब ।ड़ा गड्ढा हो गया है.जिसके वजह से गाँव तक ना ही टोटो-टेम्पू पहुँचता है और नाही एम्बुलेंस,और तो और गाँव में अचानक कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाता है तो उसे ग्रामीणों के मदद से खटिया पर टांगकर मुख्य सड़क तक लाया जाता है. इसके बाद वहाँ से टेम्पू से अस्पताल पहुँचाया जाता है.

टूटी-फूटी पथरीले सड़क से ग्रामीणों की बढ़ी परेशान-

कोंगा बेड़ा गाँव के टूटी-फूटी पथरीली सड़क से ग्रामीणों को बेहद समस्या का सामना करना पड़ता है.गाँव में सड़क नहीं होने के कारण सड़क में जमा हुआ पानी कभी-कभी लोगों के घरों में दस्तक दे देता है.जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जल जमाव का सबसे बड़ा कारण है कि पहाड़ के ऊपर से बहता हुआ खेत बहिहार का पानी सीधा सड़क के रास्ते लोगों के घरों तक पहुँच जाता है और तो और जब बारिश होते है तब तो सड़क किनारे कोई झरना बह रहा हो. उस तरह से पानी बहता है. जिसका नजारा छोटे से नदी के रू प में होता है. वहीं ग्रामीणों की माने तो इस बात की सूचना कई बार लोगों ने प्रखंड कर्मी और जनप्रतिनिधियों को दिया है. लेकिन इसके बाव जूद भी आज तक कोई पहल नही की गई है

आगे ग्रामीण बताते हैं कि सड़क का पानी घर में घुस जाता है जिससे कीचड़मय हो जाता है.तो कभी-कभी वही जल जमाव वाला पानी ग्रामीणों के लिए सिर दर्द बन जाता है.  ग्रामीण इस बात को लेकर चिंतित है कि यदि सम य पर इस ओर प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट नही हुआ तो जल जमाव की गंदगी से कई गंभीर बीमारियों का फैलना तय है. ग्रामीणों ने कहा कि जल जमाव का कोई समाधान निकाला जाए,जिससे ग्रामीण बीमारी फैलने के भय से मुक्त हो सके.बता दें कि गांव में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है जिस कारण जल जमाव हो जाता है. जिससे कचड़ा सड़ने लगता है और बदबू से ग्रामीण परेशान हो जाते है.जिस कारण ग्रामीण नारकीय स्थिति में जीने को मजबूर है।. 

क्या कहते हैं बृंदावन पंचायत के मुखिया पौलुस मुर्मू-

बृंदावन पंचायत के कोंगा बेड़ा गाँव की समस्या को लेकर पंचायत के मुखिया ने बताया कि उक्त गांव के समस्या गंभीर है.हम खुद उस का दौरा करेंगे और समस्या की समाधान करने हेतु उच्च स्तरीय अधिकारियों को पत्र लिखेंगे. ताकि कोंगाबेड़ा गांव के समस्या का समाधान हो और उसका लाभ ग्रामीणों को मिले.

रिपोर्ट: गोविंद ठाकुर