रांची(RANCHI): झारखण्ड में गैंगस्टर,तस्कर उग्रवादियों के पास इतने ज्यादा पैसे है कि जिसे देख कर आप चक्कर खा जायेंगे.सोचेंगे की इतना पैसा कहा से आता है. आखिर सभी पैसा रखते कहा है और पैसे का इस्तेमाल किस तरह से करते है.इस खबर में बताएँगे की नक्सलियों का बैंक कहा  होता है.  बैंक चलाता कौन है. साथ ही तस्कर पैसा कैसे वसूलते है. सबसे पहले डोडा और अफीम तस्कर की बात करेंगे.

सबसे पहले यह जान लीजिये की झारखण्ड में डोडा  खरीदने के लिए राजस्थान और पंजाब से खरीददार पहुँचते है. यहाँ के जंगलो में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होती है.ग्रामीण इलाको में कमाई का मुख्य श्रोत यह है. हलाकि झारखण्ड में यह अवैध माना जाता है. बीच बीच में पुलिस एक्शन लेती है. लेकिन इसके बावजूद बड़े पैमाने पर डोडा की तस्करी की जाती है और यहाँ से डोडा खरीदने के लिए एक दो लाख नहीं बल्कि एक बार में  20-30 लाख रूपये लेकर तस्कर पहुँचते है.सभी लेन देन भी नगद में की जाती है.

कई बार पुलिस रेड में नगद पैसे पकड़ाए है. अभी हाल ही में पलामू में  अवैध डोडा तस्करी के विरुद्ध की गई एक बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने भारी मात्रा में डोडा बरामद करते हुए आठ तस्करों को गिरफ्तार किया है.साथ ही उनके पास से करीब 35 लाख रूपये नगद जब्त किया है.सब चेकिंग की गयी और नोटों की गड्डी मिली तो पुलिस भी चौक गयी.यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.

इसके आलावा अब नक्सलियों की बात कर लेते है.उग्रवादियों का ठिकाना जंगल में होता है. वह किसी एक जगह पर नहीं टिकते है. ऐसे में बड़े पैमाने पर लेवी और अन्य साधनो से उग्रवादी पैसे की वसूली करते है. लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर नक्सली पैसा कहा रखते है. ऐसे में हाल में हुई कार्रवाई में जब सारंडा के जंगल में कराईकेला इलाके में नक्सलियों के पैसे छुपा कर रखने की जानकारी मिली और सुरक्षा बल के जवान उस जगह पर पहुंचे तो उन्हें शुरुआत में कुछ दिखाई नहीं दिया.बाद में जब सर्च अभियान शुरू किया गया तब जमीन के अंदर कुछ होने का अहसास हुआ. जिसके बाद जवानो ने मिट्टी हटाना शुरू  किया. फिर जो दिखा उसे देख कर चौक गए. इस जमीन के अंदर से 35  लाख रूपये बरामद हुए है.

इससे पहले भी पलामू और औरंगाबाद के बॉर्डर इलाके में नक्सलियों का बैंक बरामद हुआ था.यहाँ गुफा में अलमीरा को मिटटी से छुपा कर रखा गया था.जिसे भी जवानो ने बरामद किया था.इसके बाद उसे भी जब्त किया था.

तो यह सब तस्वीर देख कर तो साफ़ है कि नक्सलवाद भले ही कम हो रहा है लेकिन उनके पास पैसे खूब है.साथ ही तस्कर भी खूब मालामाल है.  पैसे को किसी बैंक में नहीं बल्कि खुद के बनाये जगह पर रखते है.जिससे जब जरुरत पड़े तो तुरंत निकाल ले.