टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : गुरुजी के जाने से पूरा राज्य शोकाकुल है, पर सर से पिता का साया छीन जना, दुनिया के सभी दुखों से बड़ा है. ऐसे में भरे दिल से गुरुजी के बेटे, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने मर्माहत दिल से न सिर्फ एक बेटे का कर्त्तव्य निभा रहे हैं बल्की, राज्य के मुखिया होने की जिम्मेदारी भी वह अपने पैतृक गाँव से ही निभा रहे हैं.

इसी कड़ी में दिवंगत दिशोंम गुरु शिबू सोरेन के पारंपरिक श्राद्ध कर्म का आज चौथा दिन है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धार्मिक मान्यताओं, संस्कारों और स्थानीय परंपराओं  के अनुरूप आज सवेरे बाबा को भोजन परोसे जाने की रस्म निभाई है. दरअसल यह ऐसे रस्म-रिवाज़ हैं, जहां दिवंगत व्यक्ति की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म के दौरान हर दिन स्थानीय विधि-विधान और परंपरा के अनुरूप इसे निभाया जाता है.

इधर दिशोंम गुरु शिबू सोरेन का तीन कर्म कार्यक्रम गुरुवार को पूर्ण विधि विधान के साथ संपन्न हुआ. वहीं अब 15 अगस्त को दशकर्म और 16 अगस्त को 11 वां होगा. दशकर्म में देश भर से लोगों के आने की उम्मीद है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन तैयारी में जुटा है. घर के पास बड़े-बड़े पंडाल बनाए जा रहे हैं. गुरु जी के घर के पास तालाब की साफ-सफाई, पार्किंग और बैठने की व्यवस्था भी की जा रही है.