देवघर(DEOGHAR):देवघर स्थित बैद्यनाथधाम की पहचान अन्य शिवधाम से अलग इसलिए बनाती है क्योंकि यहाँ शिव से पहले शक्ति की स्थापना हुई थी.कहा जाता है जहाँ माता सती का हृदय गिरा था वही ज्योर्तिलिंग को स्थापित किया गया था.यही कारण है कि बैद्यनाथ धाम एक शक्तिपीठ भी है.यही एक मात्र ऐसा धाम है जहाँ शिव और शक्ति एक साथ विराजमान है.एक ऐसा ज्योर्तिलिंग जहा भोलेनाथ चारों तरफ से शक्ति स्वरुपा से घिरे हुए हैं जो इस धाम की खास विशेषता है.
बैद्यनाथ धाम देश के बारह पवित्र ज्योतिर्लिंग में एक है
बाबानगरी देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम देश के बारह पवित्र ज्योतिर्लिंग में एक है.यहाँ स्थापित पवित्र ज्योतिर्लिंग को मूल लिंग या कामना लिंग भी कहा जाता है.जानकारों के अनुसार माता सती का हृदय यहाँ गिरने के बाद उसकी रक्षा के लिए यहाँ भैरव के रूप में स्थापित किया गया.फिर जब रावण कैलाश से ज्योतिर्लिंग लेकर यहाँ पहुंचा तब भगवान विष्णु द्वारा बैद्यनाथ नाम से शिवलिंग की स्थापना उस स्थान पर की गई थी जहां माता सती का हृदय गिरा था.इसलिए देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ के रुप में भी इस धाम की मान्यता है.
चारों तरफ से शक्ति की देवियों से घिरे हुए हैं शिव
मंदिर प्रांगण की बात करें तो जहाँ भगवान शिव स्थापित हैं उनके चारों दिशा में शक्ति स्वरुपा देवी भी स्थापित है.जानकारों के अनुसार इस मंदिर में दसों महाविद्या विराजमान हैं।समस्त ब्रह्माण्ड का कल्याण करनेवाली है वे सभी देवियां विद्यमान हैं।मंदिर प्रांगण स्थित मुख्य मंदिर के सामने माता त्रिपुर सुंदरी उनके बाई ओर माँ संध्या के बगल में मनसा देवी के बगल वाला मंदिर सरस्वती मां का है फिर इसके बगल में मां बगुलामुखी का मंदिर है.गर्भगृह के निकास द्वारा के सामने तारा मईया उसके बगल में काली मां फिर इसके ठीक बगल में अन्नपूर्णा देवी विराजमान है.यानी भोलेनाथ चारों तरफ से शक्ति स्वरूपा से घिरे हुए है.जानकारों के अनुसार सतयुग से ही यहां शक्ति की उपासना होती रही है.यही कारण है कि इस स्थल पर पहुंच कर एक अलग ही ऊर्जा की प्राप्ति होती है.इसलिए इस धाम में जो भी मनोकामना मांगी जाती है वे अवश्य पूरी होती है.
बैद्यनाथ धाम एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान है
बैद्यनाथ धाम एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान है.यही कारण है कि यहाँ पूजा अर्चना करने से शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद मिलता है.इसलिए सालों भर इस धाम में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ रहता है.सावन माह की बात ही अलग है,इस माह में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना की झोली भर कर लौटते है.
रिपोर्ट-ऋतुराज सिन्हा
Recent Comments