टीएनपी डेस्क: गुमला जिले में आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं अब चिंता का विषय बनती जा रही हैं. पिछले 24 घंटे के भीतर जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली. जिससे पूरे जिले में सनसनी फैल गई है. आत्महत्या करने वालों में युवा,अधेड़ और वृद्ध सभी शामिल हैं. इन घटनाओं ने मानसिक स्वास्थ्य , बेरोजगारी और बीमारी के मौजूदा हालात पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

पहली घटना डुमरी थाना क्षेत्र के बेरी गांव की है. जहां 45 वर्षीय बीरेंद्र सिंह ने सलफास खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक की पत्नी पारा शिक्षक हैं. उसने बताया कि शुक्रवार सुबह उसके पति कोर्ट जाने की बात कह कर निकले थे, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटे. अगले दिन शनिवार को उनका शव झुमरा के पास मिला. मौके से सलफास की पुड़िया और एक सुसाइड नोट बरामद हुआ.  जिसमें बीरेंद्र  बीमारी और पैर के दर्द को आत्महत्या का कारण बताया.

दूसरी घटना भरनो प्रखंड के पंडा मसिया गांव की है. जहां 26 वर्षीय आर्यन अंसारी ने अमरूद के पेड़ में फांसी लगाकर जान दे दी. परिवार वालों के मुताबिक वह एमए पास था और बेरोजगारी से जूझ रहा था. कई बार सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करने के बावजूद असफलता ने उसे अवसाद में डाल दिया.

तीसरी घटना घाघरा थाना क्षेत्र के चुमनु गांव की है. यहां 60 वर्षीय लक्ष्मण उरांव ने बगीचे में एक पेड़ से फांसी लगा ली. ग्रामीणों ने बताया कि वह लम्बे समय से पैर के घाव और दर्द से परेशान थे. चौथी घटना रायडीह थाना के सिलम गांव की है. यहां 17 वर्षीय दीपनारायण सिंह उर्फ दिनेश  ने शुक्रवार की रात अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों के अनुसार वह पढ़ाई छोड़ चुका था और घर पर ही रहता था. आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.

पांचवीं घटना गुमला सदर थाना क्षेत्र के समसेरा गांव से सामने आई है. यहां मंगरू बारी के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है और पहचान की कोशिश जारी है. पांचों घटनाओं में संबंधित थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा है. पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है.