दुमका (DUMKA) : दुमका के वर्तमान विधायक बसंत सोरेन को जिस दिन अधिकारी एक करोड़ रुपये नहीं पहुंचाते उस रात उन्हें नींद नहीं आती. यह बात बुधवार को दुमका में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कही. बाबूलाल मरांडी बिजली पानी संकट के समाधान की मांग को लेकर आयोजित प्रदर्शन में संबोधित कर रहे थे. हालांकि किस आधार पर वे ये बात कह रहे, इसको लेकर स्पष्ट नहीं थे. पूछने पर कहा कि यह बातें कोई और नहीं बल्कि सत्ताधारी दल कांग्रेस के एक नेता ने उन्हें आज परिसदन में बतायी. वैसे तो बाबूलाल ने नेता का नाम उजागर नहीं किया, लेकिन संयोग देखिए कि कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव भी दुमका में ही है.

ये रिश्ता क्या कहलाता है

आज जब दुमका में बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव दोनों मौजूद हैं तो उनके रिश्तों के लेकर बातें भी लाजिमी है. उनका आपसी संबंध ही बताता है कि राजनीति में ना तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और ना ही स्थायी दुश्मन. दोनों ही नेताओं ने भाजपा से राजनीति की शुरुवात की और भाजपा से मोह भंग होने के बाद दोनों ने मिलकर झारखंड विकास मोर्चा नामक पार्टी बना ली थी. एक अर्जुन तो दूसरा कृष्ण बन कर वर्षों तक झाविमो के रथ पर सवार होकर राजनीति के मैदान में डटे रहे. परिस्थिति कुछ ऐसी बदली की बाबूलाल मरांडी ने भाजपा के घर वापसी कर ली और प्रदीप यादव ने पंजे का दामन थाम लिया. अब गाहे-अगाहे सियासी मैदान में दोनों एक दूसरे के सामने खड़े नजर आते हैं

प्रदीप यादव ने बाबूलाल पर उठाए सवाल

कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में जब हमारे संवाददाता ने प्रदीप यादव से बाबूलाल मरांडी के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी तो प्रदीप यादव सीधे तौर बसंत सोरेन पर लगे आरोपों के बारे में कुछ भी कहने से बचते रहे. उलट प्रदीप यादव ने बाबूलाल पर सवाल उठाया कि वे विधानसभा में ढाई साल में ढाई लाइन भी नहीं बोल पाए हैं क्योंकि वहां बोलने के लिए तथ्य की जरूरत होती है. इसलिए बाबूलाल मरांडी बगैर तथ्यों के सड़कों पर निकल कर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

 

रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका