पाकुड़ (PAKUR): पाकुड़ जिले में बढ़ते शहरीकरण, यातायात दबाव और पर्यावरणीय संकट को देखते हुए अब प्रशासनिक स्तर पर ठोस प्रयास शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में देश की प्रतिष्ठित और NABL एक्रीडिटेड संस्था बायोक्रेट एन्विरोंमेंटल सर्विसेस की विशेषज्ञ टीम पाकुड़ जिले के हिरणपुर क्षेत्र में ट्रैफिक और प्रदूषण से संबंधित एक विस्तृत पर्यावरणीय अध्ययन कर रही है.
इस अध्ययन का उद्देश्य सिर्फ मौजूदा पर्यावरणीय स्थितियों का मूल्यांकन करना नहीं, बल्कि भविष्य में इस क्षेत्र के लिए एक सस्टेनेबल प्लान तैयार करना है. इसके अंतर्गत यह विश्लेषण किया जा रहा है कि किस स्थान पर वाहनों की आवाजाही अधिक है, किस जगह पर वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर रहा है, और किन इलाकों में तत्काल हरित क्षेत्र (ग्रीन बेल्ट) की आवश्यकता है.
टीम में शामिल फील्ड सैंपलर मनीष कुमार सिंह, मानस कुमार सहित अन्य तकनीकी विशेषज्ञ सड़कों, बाजारों, भीड़भाड़ वाले चौराहों और संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर रियल टाइम डाटा कलेक्शन कर रहे हैं. अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से प्रदूषण स्तर, ट्रैफिक फ्लो, गाड़ियों की संख्या, ध्वनि दबाव, कार्बन उत्सर्जन आदि की माप की जा रही है.
पर्यावरणीय डाटा एकत्र कर प्रदूषण नियंत्रण विभाग को सौंपा जाएगा, जो इन तथ्यों के आधार पर यह निर्धारित करेगा कि कहाँ पर वृक्षारोपण किया जाए, कहाँ ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाए, और किन स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए.
यह पहल न सिर्फ एक तकनीकी अध्ययन है, बल्कि जिले की पर्यावरणीय दशा को बेहतर बनाने की दिशा में एक निर्णायक प्रयास है. बायोक्रेट एन्विरोंमेंटल सर्विसेस की यह कोशिश प्रशासन और आमजन के लिए आने वाले वर्षों में स्वस्थ, हरित और संतुलित वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है.
लोगों को उम्मीद है कि इस अध्ययन के परिणाम स्वरूप न केवल पर्यावरणीय संकट को कम किया जा सकेगा, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था और शहरी नियोजन में भी नया मार्ग प्रशस्त होगा.यह अध्ययन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और संतुलित वातावरण की नींव रखेगा – और यही इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी.
रिपोर्ट: पाकुड़/नंद किशोर मंडल
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