रांची (RANCHI) : रिम्स-2 के निर्माण के विरोध में आज बड़ी संख्या में ग्रामीण और आदिवासी समुदाय के लोग आज नगड़ी में एकत्रित होंगे. 'हल-जोतो-रोपा रोपो' आंदोलन के तहत चंपई सोरेन खुद ज़मीन जोतेंगे और ग्रामीणों के साथ अपना विरोध दर्ज कराएंगे. प्रदर्शनकारी लगातार मांग कर रहे हैं कि सरकार इस परियोजना के लिए वैकल्पिक ज़मीन की व्यवस्था करे, ताकि आदिवासी समुदाय की ज़मीन सुरक्षित रहे.

दरअसल, रिम्स 2 के निर्माण के लिए सरकार ने नगड़ी में जमीन चिन्हित कर ली है. जिस पर रिम्स 2 बनाया जा सकता है. लेकिन इस जमीन के चिन्हित होने के बाद विवाद खड़ा हो गया. भाजपा और अन्य संगठनों ने रिम्स 2 के निर्माण स्थल को बदलने की मांग शुरू कर दी. इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी आज हल जोतो रोपा रोपो आंदोलन शुरू करेंगे. जिसको लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. वहीं उस एरिया के 200 मीटर के दायरे में BNS की धारा 163 बीते कल यानी 20 अगस्त से अगले 2 माह तक लागू कर दी गई है.

इस आंदोलन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि अब वह किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठने वाले हैं. एक मजबूत आंदोलन की तैयारी है. वह खुद खेत में जाकर बोआई करेंगे. आखिर कब तक विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन लूटी जाती रहेगी. अब आवाज उठाने का समय है और सरकार चाहे जितनी भी ताकत लगा ले, वह आंदोलन को दबा नहीं सकती.

उधर, इस मामले में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि चंपई सोरेन राजनीति करने आए हैं. रिम्स 2 का निर्माण हर हाल में होगा. उन्होंने कहा कि अगर रांची के साथ-साथ आदिवासियों की ज़मीन और विकास बचाना है, तो हज़ारीबाग और गोड्डा पर भी बोलना होगा. केंद्र सरकार ज़मीन अधिग्रहण के तरीक़े पर चुप क्यों है?