Ranchi- पूर्व सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने सीएम हेमंत के आरोपों पर पलटवार करते हुए इस बात का दावा है कि अब सीएम हेमंत चाहे जितना भी प्रचार प्रसार कर लें, लेकिन उनकी इन लोक लुभावन घोषणाओं पर कोई भरोसा करने वाला नहीं है. जनता सब जान समझ चुकी है. सीएम हेमंत को इस बात का जवाब देना चाहिए कि आज तक कितने बेरोजगारों को बेराजगारी भत्ता मिला. कितने नौजवानों को नौकरी मिली. सीएम हेमंत ने अपना कौन सा चुनावी वादा पूरा किया, अब जब उन्हे पांच पांच समन मिल चुका है, उन्हे सरना धर्म कोड और पिछड़ा आरक्षण विस्तार की याद आयी. हालांकि बाबूलाल मरांडी ने इन सवालों को कोई जवाब नहीं दिया कि विधान सभा से बिल पारित होने के बावजूद इन बिलों पर राजभवन कुंडली मार क्यों बैठा है.

कल सीएम हेमंत ने सरना धर्म कोड पर कुंडली मार कर बैठने का लगाया था आरोप

यहां ध्यान रहे कि कल बरहेट में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के आयोजन के दौरान उन्होने राजभवन पर सरना धर्म कोड और पिछड़ी जातियों के आरक्षण विस्तार के लिए लाये गये बिल पर कुंडली मार कर बैठने का आरोप लगाया था. सीएम हेमंत ने कहा था कि जिस तरीक से केन्द्र की भाजपा सरकार ने वनाधिकार कानून को कमजोर किया है, आदिवासी मूलवासियों के लिए एक नया संघर्ष का दौर शुरु होने वाला है, क्योंकि वनाधिकार कानून में इस छेड़छाड़ से जंगल पर उनका जो परंपरागत अधिकार रहा है, वह खत्म होने वाला है. सीएम हेमंत ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि जैसे ही चुनाव नजदीक आया , पीएम मोदी को उलिहातू की याद आने लगी. लेकिन उलिहातू आना अलग बात है और आदिवासी हितों की बात करना जूदा बात, नहीं तो केन्द्र सरकार और राजभवन सरना धर्म कोड और पिछड़ी जातियों के आरक्षण विस्तार का बिल पर इस तरीके से कुंडली मार कर नहीं बैठता.

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