रांची(RANCHI): झारखंड में राजनीतिक गतिविधियां पल-पल नए रंग दिखा रही है. इसी बीच आज यानी गुरुवार का दिन झारखंड के लिए काफी अहम हो सकता है. आज हेमंत सोरेन कैबिनेट की बैठक होनी है. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. बता दें कि हेमंत सरकार राजभवन पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर विधानसभा का विशेष सत्र और खुद से विधानसभा में विश्वास मत पारित कर सकते हैं. 

कैबिनेट की बैठक से पहले ही सभी मंत्रियों को रांची बुला लिया गया है. बता दें कि मंगलवार को इंडिगो की विशेष फ्लाइट से यूपीए के कई विधायक और कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री रायपुर शिफ्ट हुए थे. लेकिन उन्हें बुधवार की रात में रांची वापस बुला लिया गया था. 

झारखंड में भी दिल्ली जैसी स्थिति बन रही है, वहां भी आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को भाजपा खरीदने की कोशिश कर रही थी. इसका खुलासा खुद आप के विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया था. विधायकों ने दावा किया था कि उन्हें भाजपा के लोग 20-20 करोड़ रुपए देने की बात कर रहे हैं. 

विधायकों के खुलासे के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई थी, उसमें 9 विधायक नहीं पहुंचे थे. विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद पार्टी में टूट की अटकलें लगाई जा रही थी. ऐसें में केजरीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव लाकर सदन में AAP के भीतर एकजुटता का संदेश दिया. यही कारण है कि झारखंड की हेमंत सरकार ये कदम उठा सकती है. 

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कैबिनेट के बाद सभी जा सकते है रायपुर 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री विशेष विमान से रायपुर जा सकते है. वहां सीएम और मंत्री सभी विदायकों से मुलाकात करेंगे और आगे की रणनीति पर बात करेंगे.

RPN सिंह बने झारखंड कांग्रेस के लिए मुसीबत 
आरपीएन सिंह फिलहाल भाजपा नेता हैं , लेकिन भाजपा में जानें से पहले वो झारखंड कांग्रेस के प्रभारी थे. झारखंड कांग्रेस में आरपीएन सिंह की अच्छी पकड़ मानी जाती है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान कांग्रेस के टिकट बंटवारे से लेकर यूपीए सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों तक का निर्णय उन्होंने ही लिया था. ऐसे में भाजपा को पता है कि कांग्रेस की कमजोरी और मजबूती दोनों आरपीएन को अच्छे से मालूम है इसलिए पार्टी ने आरपीएन सिंह को झारखंड कांग्रेस को तोड़ने की जिम्मेदारी दी है. 

कांग्रेस के कई विधायक और मंत्री RPN के संपर्क में 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन सरकार के लिए सबसे बड़ी दिक्कत कांग्रेस हो सकती है. जानकारी मिली है कि हेमंत सरकार में कांग्रेस के कई विधायक और मंत्री आरपीएन सिंह के संपर्क में हैं. इसके अलावा जानकारी ये भी है कि भाजपा झारखंड कांग्रेस को तोड़कर एक अलग पार्टी बनाने की प्लानिंग कर रही है. कांग्रेस के लगभग 12 विधायकों को तोड़ कर एक दल बनाने की तैयारी थी, जिनका नेता उस वरिष्ठ सदस्य को चुना जाना था.

कैश कांड में धराए विधायक ने बिगाड़ा खेल
झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के कोलकाता में कैश के साथ पकड़े जाने के बाद भाजपा के लिए खेल बिगड़ गया और इसके बाद भाजपा का कांग्रेस को तोड़ने का खेल का खुलासा हो गया. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया कि कैश कांड का पैसा भाजपा का था या नहीं. इसके बाद से ही तीनों की विधायकी पर तलवार लटक रही है. 

कैश कांड के बाद से ही हेमंत सोरेन काफी सक्रिय हो गए हैं. सीएम लगातार सभी विधायकों के संपर्क में थे. यूपीए विधायक दल की लगातार बैठक शुरू हुई और अंतत: यूपीए विधायकों को रायपुर के होटल में शिफ्ट कर दिया गया.

कॉपी : विशाल कुमार, रांंची