धनबाद (DHANBAD) : तो क्या धनबाद ठगों का शहर बन गया है? क्या यहां के ठग अब दूसरे प्रदेशों में फैल गए हैं? साइबर अपराधियों की यहां बात नहीं हो रही है. साइबर अपराधी तो झारखंड के जामताड़ा से निकलकर पूरे देश में फैले हुए हैं और ठगी का काम कर रहे हैं. लेकिन नौकरी पेशा के नाम पर ठगी करने वाले भी पकड़े जा रहे हैं. जब पुलिस प्याज के छिलके की भांति परत उठाती है, तो उसे पता चलता है कि यह ठगी करने वाला तो धनबाद का रहने वाला है.
इसी तरह का एक मामला उत्तर प्रदेश के बरेली में सामने आया है. पटना सचिवालय, पोस्ट ऑफिस सहित अन्य जगह पर नौकरी दिलाने के नाम पर धनबाद के ठगो ने उत्तर प्रदेश के बरेली के लोगों से 20 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर ली है .इस मामले में बरेली के प्रेम नगर थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ है. प्राथमिकी में ठगी के शिकार व्यक्ति ने कहा है कि वह रोज सुबह टहलने जाते थे.
वहीं उनकी मुलाकात कुंदन कुमार से हुई थी. जो मूलतः धनबाद का रहने वाला है और बरेली में अपने रिश्तेदार के यहां ठहरा हुआ था. उसने बताया था कि उसका पटना सचिवालय समेत कई विभागों में अच्छी पहचान है और वह नौकरी लगवा सकता है. फिर तो प्राथमिकी दर्ज कराने वाले अर्जुन पासवान ने अपने इंटर पास बेटे को नौकरी दिलाने की बात कही. इस पर कुंदन राजी हो गया और बोला कि कोई और परिचित हो तो उसकी भी नौकरी वह लगवा सकता है. अर्जुन पासवान कुंदन के झांसे में आ गए और वह अपने कई संबंधियों के घर भी कुंदन को लेकर गए. वहां भी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की.
सूत्र बताते हैं कि रुपए लेने के कुछ दिन बाद डाक से जाली नियुक्ति पत्र भेजा गया. कुछ को चपरासी, क्लर्क का फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर भेजा गया .लेकिन यह मामला खुल गया .उसके बाद रुपए देने वालों ने कुंदन को कई बार फोन किया. लेकिन वह टालता रहा. बाद में मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद थक हार कर कुंदन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
धनबाद में भी नौकरी के नाम पर ठगी करने के कई मामले सामने आते रहे हैं. कभी बीसीसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर तो कभी दूसरे विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी होती रही है. लेकिन अब धनबाद के ठग अपना जाल दूसरे प्रदेशों में फैला लिए हैं और लोगों को नौकरी के नाम पर ठग रहे हैं.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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