जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : मेट्रो ट्रेन चलाने से लेकर अंतरिक्ष में जाने तक हर क्षेत्र में आज महिलाएं पुरुषों के साथ कदमताल कर रही हैं. लेकिन अब भी कुछ क्षेत्र हैं जहां वे स्थापित नहीं हुई हैं. आज भी उस क्षेत्र में पुरुषों का महत्व और वर्चस्व है. वह क्षेत्र है पूजा-पाठ का जहां पंडित या पुजारी पुरुष ही होते हैं. शादी ब्याह कराने पुरुष पंडित/पुजारी ही जाते हैं. लेकिन इस परंपरा से अलग हटकर लौहनगरी जमशेदपुर में सुरभि और प्रशांत की शादी में महिला पुजारियों ने शादी संपन्न करवाई. कोलकाता से आईं महिला पुजारी शिल्पी साहा और सुदेशना चटर्जी ने पूरे विधि विधान से शादी करवाई.
न कन्यादान न दहेज, उल्टे पर्यावरण फ्रेंडली गिफ्ट मिले, दुल्हन बारात लेकर पहुंची
शादी में न तो कन्यादान की रस्म हुई और न ही दहेज का आदान प्रदान हुआ. उल्टे शादी में रिटर्न गिफ्ट के तौर पर मेहमानों को आर्गेनिक मिठाई और सीड पेंसिलें दी गईं. इसके इस्तेमाल के बाद सीड को रोपा जा सकता है जो आगे चलकर पौधा बन जाएगा. इस शादी में दुल्हन सुरभि ने घूंघट नहीं किया और नाचते गाते बारात लेकर पहुंची.
कौन हैं सुरभि और प्रशांत
सुरभि एक सोशल वर्कर हैं जो महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिऐ कुछ अलग करती रहती हैं. वहीं प्रशांत पर्यावरण को लेकर एक संवेदनशील शख्स हैं जो सोशल वर्क में सुरभि का पूरा साथ देते हैं. दोनों ने पहले से सोच रखा था कि शादी में किसी प्रकार का आडंबर नहीं करेंगे और कुछ परंपराओं को तोड़ेंगे. यही वजह है कि सुरभि ने बगैर घूंघट रखे शादी की रस्में की.
शादी फरवरी में, लेकिन अब उजागर किया
ये अनोखी शादी गोलमुरी के बैंक्विट हॉल में फरवरी में ही हुई थी लेकिन इसमें गिने चुने मेहमान आए थे और मीडिया से दूर रखा गया था. कोई चकाचौंध या भीड़ नहीं थी. अब इसके बारे में दुनिया को बताया जा रहा है ताकि स्थापित परंपराओं से अलग महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली यह शादी एक उदाहरण बन सके.
रिपोर्ट : अन्नी अमृता, ब्यूरो हेड, जमशेदपुर
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