नालंदा(NALANDA):नालंदा के लाल नीतीश कुमार के 10वीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने की खुशी में उनके पैतृक गांव नालंदा के कल्याण बीघा में एक साथ होली और दिवाली मनाई गई. ग्रामीणों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर और पटाखे फोड़कर खुशी का इजहार किया.लोगों ने कहा कि विकास पुरुष नहीं बल्कि नीतीश कुमार महापुरुष है.
पढ़े लोगो ने क्या कहा
ग्रामीणों ने बताया कि आज 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से हम सभी गौरवान्वित है और उनकी लंबी आयु की कामना कर रहे हैं, ताकि बिहार की बागडोर उनके हाथों में मजबूती से बनी रहे.बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक गांव नालंदा जिले का कल्याण बीघा है और यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई थी.
1970 के दशक में छात्र आंदोलन से राजनीति की शुरुआत
नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर हमेशा से उनकी रणनीतिक समझ, सामाजिक समीकरणों को साधने की कला और विकास की राजनीति पर आधारित रहा है. 1970 के दशक में छात्र आंदोलन से राजनीति की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार ने लोकसभा से लेकर विधानसभा तक कई बार जनता का प्रतिनिधित्व किया.उन्होंने रेल मंत्री, कृषि मंत्री से लेकर केंद्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई.2005 में उन्होंने पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और राज्य में कानून-व्यवस्था सुधार, सड़कों के निर्माण, शिक्षा सुधार और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया.समय-समय पर राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार गठबंधन बदलने में उनकी रणनीतिक क्षमता और चुनावी गणित की समझ को विशेष रूप से जाना जाता है.इन्हीं रणनीतियों और जनविश्वास के बल पर आज वह 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने, जो देश की राजनीति में एक उल्लेखनीय रिकॉर्ड है.
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