पाकुड़ (PAKUR): रानीपुर चेकपोस्ट के रास्ते इन दिनों गिट्टी लदे हाइवा का अवैध परिवहन धड़ल्ले से जारी है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कारोबार में चेकपोस्ट कर्मियों की भी संलिप्तता सामने आ रही है. ओवरलोड वाहनों से लेकर बिना चलान वाली गाड़ियों को भी आसानी से पार कराया जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पत्थर माफिया बिहार का चलान कटवाकर उसे कई बार इस्तेमाल कर रहे हैं. बिहार का चलान मिलने पर समय अधिक मिलता है, जिससे गोड्डा समेत अन्य क्षेत्रों में माल उतारकर फिर उसी चलान पर दोबारा माल लेकर लौटते हैं. इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी भी बिना चलान की गाड़ियों को पार कराने के लिए भारी रकम देती है.
जानकारी के अनुसार एक चलान की कीमत लगभग ₹16,000 होती है, जबकि माफिया उसी चलान का उपयोग तीन बार करते हैं. यानी प्रति वाहन प्रतिदिन ₹32,000 राजस्व का नुकसान हो रहा है. एक महीने में एक वाहन से लगभग ₹9 लाख की राजस्व चोरी हो रही है. रानीपुर चेकपोस्ट से प्रतिदिन 150 से अधिक गिट्टी लदी गाड़ियों का संचालन होता है, जिससे झारखंड सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है.
इस पूरे खेल में चेकपोस्ट कर्मियों की भूमिका भी सामने आई है. पहले गाड़ी की चालान एंट्री कर ली जाती है, लेकिन दोबारा आने पर बिना एंट्री सिर्फ चालान देखकर गाड़ी को छोड़ दिया जाता है. इसके बदले में चेकपोस्ट कर्मी मोटी रकम वसूल करते हैं
यदि प्रशासन निष्पक्ष जांच कर इस भ्रष्टाचार की परतें खोले तो पूरी अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश हो सकता है.अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामला पर कब तक कार्रवाई करता है.
रिपोर्ट:नंद किशोर मंडल | पाकुड़
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