टीएनपी डेस्क (TNP DESK): भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा के निधन के बाद टाटा समूह में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है. उनके निधन के बाद, समूह के सबसे बड़े स्टेक होल्डर 'टाटा ट्रस्ट' की कमान अब उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि यह निर्णय टाटा समूह के लिए एक नई दिशा और दृष्टि का संकेत है.
टाटा समूह के विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव
बता दें कि नोएल टाटा ने टाटा समूह के विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त किया है. उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा मोटर्स जैसे ब्रांड्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शुक्रवार को मुंबई में हुई मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी है.
टाटा ट्रस्ट, जो सामाजिक कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करता है, रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलों का हिस्सा रहा है. अब नोएल टाटा की अगुवाई में, ट्रस्ट नई परियोजनाओं और पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा. उनके नेतृत्व में ट्रस्ट का फोकस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान पर रहेगा. इस घोषणा के बाद उद्योग जगत के विभिन्न हिस्सों से प्रतिक्रिया आ रही है. कुछ उद्दोयोगपतियों का कहना है कि यह देखा जाएगा कि नोएल टाटा किस प्रकार अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचायों पर ले जाते है.
ट्रेंट और वोल्टास के चेयरमैन हैं नोएल टाटा
आपकों बता दें कि नोएल टाटा वर्तमान में ट्रेंट और वोल्टास के चेयरमैन हैं. उनके नेतृत्व में, ये कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. ट्रेंट ने विभिन्न ब्रांड्स के माध्यम से अपनी नई पहचान बनाई है. जबकि वोल्टास ने एयर कंडीशनिंग और कंज्यूमर एप्लायंसेज में अपने गुणवत्ता वाले उत्पादों से बाजार में अपनी स्थिति मजबूत की है.
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