धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के चूहों ने शराब क्या पी ली, शराब के शौकीनों की परेशानी बढ़ गई है. उन्हें मनपसंद ब्रांड नहीं मिल रहे है. नगदी के झमेले से भी खरीदार परेशान हो रहे है. वैसे भी, धनबाद में उत्पाद विभाग की पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है. रांची से टीम धनबाद पहुंचकर दुकानों में छापेमारी करती है. पांच सेल्समैन को जेल भेजा जाता है. जांच पड़ताल आगे बढ़ती है, तो दुकानों में स्टॉक की कमी पाई गई. सेल्समैनो ने तर्क दिया कि चूहों ने ढक्कन चबाकर शराब पी ली है. शराब एक दो बोतल नहीं, बल्कि 802 बोतल शराब चूहों ने गटक लिया. यह अलग बात है कि शराब के स्टॉक में गड़बड़ी का ठीकरा चूहों के माथे पर फोड़ा गया. खैर चूहों के शराब पीने के आरोप के बाद शराब के शौकीनों की परेशानी बढ़ गई है.
धनबाद में अभी शराब की कुछ ही दुकान खुली है
धनबाद में अभी शराब की कुछ ही दुकान खुली है. बहुत सारी दुकान बंद है. हालांकि जिस गली-मोहल्ले की दुकान बंद है, वहां के लोग राहत महसूस कर रहे है. शराबियों का जमावड़ा नहीं लग रहा है. शराब की जो दुकान खुली हैं, वहां भी ऑनलाइन भुगतान की कोई व्यवस्था नहीं है. नगद पैसे पर शराब दी जा रही है और बाजार में खुदरा की किल्लत का असर शराब के शौकीनों पर पड़ रहा है. दरअसल, शराब डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसी का समय पूरा होने के बाद उत्पाद विभाग ने हैंड ओवर- टेकओवर की प्रक्रिया पूरी की. ऐसी क्रम में चूहों के शराब पीने की बात सामने आई.
जैसे-तैसे शराब की दुकानें खोली गई है
श्रम विभाग, होमगार्ड की मदद से दुकानों का संचालन शुरू किया गया. लेकिन दुकानों के पास ऑनलाइन पेमेंट के लिए ना तो अपना क्यूआर कोड है और ना ही पॉश मशीन. अधिकतर दुकानदार ऑनलाइन पेमेंट कर शराब बेचना चाहते है. इतनी ही बात नहीं है, जो दुकान खुली है, उनमें ब्रांडेड शराब की कमी है. हालांकि सूचना है कि एक सितंबर से शराब दुकानों का संचालन निजी शराब कारोबारी करेंगे. विभाग की ओर से बंदोबस्ती कर शराब कारोबारियों को दुकान सौंप दी जाएगी. इससे पहले इच्छुक आवेदको के लिए बुधवार को रांची में विमर्श सत्र रखा गया है. यहां शराब कारोबारियों को बंदोबस्ती व दुकानों के संचालन से संबंधित जानकारी दी जाएगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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