रांची (RANCHI) : उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है. इसी मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले जिस तरह से उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया, यह संसदीय परंपरा की हत्या है. 

भट्टाचार्य ने आगे कहा कि यह परंपरा रही है कि सत्र शुरू होने से पहले सरकार की मंशा को लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं द्वारा साझा किया जाता है, लेकिन इस बार सरकार ने विपक्ष को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्र में सेना के पराक्रम पर चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन सरकार अडानी को पोर्ट देने को लेकर चर्चा की जाती है. 

JMM महासचिव ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप जैसे व्यक्ति जो खुलेआम पाकिस्तान को अपना पहला प्यार बताते हैं, वह जब भारत की कार्रवाई को ‘विजय उत्सव’ कहते हैं, तो सवाल उठता है कि भारत की कूटनीति कहां है? ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी अंतरराष्ट्रीय समर्थन सीमित रहा, ऐसे में सरकार की चुप्पी सवाल खड़े करती है.”

सुप्रियो भट्टाचार्य ने धनकड़ के इस्तीफे को भी एक राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने धनकड़ को इसलिए हटाया क्योंकि वह एक किसान के बेटे थे और जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे. उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति 74 वर्ष की उम्र में भी देश की सेवा में था, उसे सिर्फ इसलिए हटाया गया क्योंकि वह सेना और किसान की बात करते थे, अदानी की नहीं.”

JMM महासचिव ने यह भी कहा कि अगर 74 की उम्र में उपराष्ट्रपति को हटाया जाता है तो 75 की उम्र में प्रधानमंत्री को भी हटाया जाना चाहिए. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को लोकतंत्र और भारत की आत्मा पर हमला बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि धनकड़ का इस्तीफा केवल एक पद से नहीं था, बल्कि यह विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रतीक था. ऐसे में सत्ता में बैठी भाजपा, दोषियों को ताज दे रही है और विपक्ष को दरकिनार किया जा रहा है.