रामगढ़-भुरकुंडा के श्री अग्रसेन स्कूल में बच्चों को कुछ क्रिएटिव सिखाने के उद्द्देश्य से क्ले मोल्डिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.इस प्रशिक्षण में छोटे बच्चों ने बेहद उत्साह के साथ भाग लिया. इस दौरान बच्चों को रंगीन क्ले मोल्डिंग का प्रशिक्षण देते हुए उन्हें विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां बनाना सिखाया गया. जिसमें बच्चों ने अपनी क्रिएटिविटी को क्ले मोल्डिंग के रूप में उतारते हुए कई खूबसूरत चीजें बनाई. इस आयोजन का उद्द्देश्य बच्चों के अंदर के आर्टिस्ट को बाहर लाना था.
अपनी क्रिएटिविटी को निखारने का सबसे अच्छा माध्यम है क्ले मोल्डिंग
क्ले मोल्डिंग प्रशिक्षण के दौरान प्राचार्या नीलकमल सिन्हा का कहना है कि क्ले मोल्डिंग अपनी क्रिएटिविटी को निखारने का सबसे अच्छा माध्यम है. इससे कई तरह की खूबसूरत चीजें बना सकते हैं. क्ले काफी एक्साइटिंग आर्ट मटीरियल है. यह बच्चों के खेलने के लिए बढ़िया है और साथ ही अपनी क्रिएटिव स्किल्स का उपयोग करते हुए इससे कुछ नया बना सकते हैं,उन्होंने कहा कि मिट्टी को जिस रूप में ढ़ालना चाहे वह ढल जाती है. वैसे ही नन्हे हाथों को जैसा हुनर दें, वे सीख जाते है
वर्कशॉप में क्रिएटिव सोच के साथ बच्चों ने गढ़ी कलाकृतियां
वर्कशॉप में ट्रेनर साधना सिन्हा, उषा कुमारी, अंकिता सिंह, वंदना सिंह, सोनम खातून ने बच्चों को क्ले मोल्डिंग का प्रशिक्षण दिया.जिसके बाद वर्कशॉप में बच्चे भी धीरे-धीरे कलाकृति गढ़ने में रम गए. वर्कशॉप में बच्चों ने रंगीन मिट्टी से विभिन्न प्रकार के फूल, पत्ते, डालियां, गहने, देवी-देवताओं की मूर्तियां, पशु-पक्षी, नाव, फ्लॉवर पॉट, गुड्डा-गुड़िया, बाइक-कार आदि बनाकर सभी का मन मोहा ,बता दे की वर्कशॉप से पूर्व बच्चों को घर में ही रंगीन क्ले बनाने की विधि बताई गई. साथ ही यह भी बताया गया कि घर में तैयार होनेवाला क्ले हाथों को नुकसान नहीं पहुंचाता है. यह काफी कम लागत में तैयार हो जाता है.
रिपोर्ट -गुड्डू पांडेय पतरातू,रामगढ़
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