रांची (RANCHI) : झारखंड की राजधानी रांची का जैप-1 परिसर नवरात्र और दुर्गा पूजा के मौके पर आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम बन जाता है. यहाँ पूजा का स्वरूप बाकी जगहों से बिल्कुल अलग है. प्रतिमा की जगह माँ दुर्गा की शक्ति का आह्वान कलश स्थापना के माध्यम से किया जाता है. वही आज जैप-1 commandent राकेश रंजन ने पूरे विधि विधान के साथ कन्याओं का पूजन किया और माता रानी से आशीर्वाद लिया. नवरात्र के नौ दिनों तक यहाँ विशेष विधि-विधान से माँ की आराधना होती है और जब आता है महानवमी का पावन अवसर, तो कन्या पूजन के साथ-साथ होता है उस परंपरा का निर्वहन, जो साल 1880 से लगातार चली आ रही है.

नवमी के दिन माँ को अस्त्र-शस्त्रों की पूजा के साथ फायरिंग कर सलामी दी गई. यह सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि शौर्य और भक्ति का ऐसा अद्भुत संगम है, जिसमें जवान माँ दुर्गा की शक्ति और अपने साहस को एक सूत्र में पिरोते हैं. इस खास परंपरा में हथियारों की पूजा यह संदेश देती है कि जिन अस्त्र-शस्त्रों से देश और जनता की रक्षा होती है, वे सदा सशक्त और अडिग बने रहें, और कभी भी मौके पर धोखा न दें. रांची के डोरंडा स्थित जैप-1 में यह अनूठी पूजा परंपरा आज भी जवानों द्वारा उसी श्रद्धा और आस्था के साथ निभाई जा रही है, जैसी पहली बार 1880 में आरंभ हुई थी.

रिपोर्ट : संतोष सिंह