देवघर (DEOGHAR) : देवघर स्थित पवित्र ज्योतिर्लिंग बैद्यनाथ धाम भी एक प्रमुख शक्तिपीठ है, जहां नवरात्रि के दौरान तांत्रिक विधि से देवी भगवती की पूजा की जाती है. जानकर आश्चर्य होगा कि सप्तमी के दिन जहां पूजा पंडालों और देवी मंडपों के कपाट देवी भगवती के दर्शन और पूजन के लिए खोल दिए जाते हैं, वहीं बाबा मंदिर के प्रांगण में स्थित शक्ति मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इसी परंपरा के अनुसार आज महासप्तमी के दिन बाबा मंदिर परिसर में स्थित मां संध्या, काली और मां पार्वती मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं.
जानकारों के अनुसार इन मंदिरों के अंदर वरिष्ठ पुजारियों द्वारा गुप्त तांत्रिक अनुष्ठान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. इस तांत्रिक विधि से पूजा में किसी प्रकार का विघ्न न आए, इसके अलावा इस पूजा को कोई न देखे, इसके लिए महानवमी तक इन मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. महासप्तमी से महानवमी तक माता के मंदिर के कपाट बंद रहने के कारण श्रद्धालु बंद कपाट के बाहर से ही पूजा-अर्चना करते हैं. यह परंपरा वर्षों से आज तक चली आ रही है. बाबा मंदिर परिसर में आज मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खोल दिया गया. सरदार पंडा पंडित गुलाबानंद ओझा द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई.
रिपोर्ट-ऋतुराज सिन्हा

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