धनबाद (DHANBAD) : बोकारो वन भूमि घोटाला अभी और कई को लपेटे में लेगा. यही वजह हे कि कई अधिकारियो के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी है. चर्चा तेज है कि अगला नंबर किसका? सीआईडी ने शनिवार को दो कथित "किंगपिन" को अरेस्ट किया है. इसके बाद से यह चर्चा तेज है कि आगे अब क्या होगा? बता दें कि बोकारो के तेतुलिया में 100 एकड़ से अधिक वन भूमि को कथित फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया गया है. आरोप  है कि भू -माफिया, अंचल कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब किया गया है.  इस जमीन को उपयोग में नहीं आने पर बोकारो स्टील प्लांट को वन विभाग को लौटाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब मामले की चर्चा रांची तक पहुंची ,तो डीजीपी ने जमीन घोटाले मामले की जांच सीआईडी को सौंप दिए. 

सीआईडी ने बोकारो सेक्टर-12 थाने में दर्ज केस को टेकओवर किया 

सीआईडी ने बोकारो सेक्टर -12 थाने में दर्ज केस को टेक ओवर कर अपनी जांच शुरू की. इसके पहले वन विभाग की जमीन को बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद बोकारो वन  प्रमंडल प्रभारी ने थाने में प्राथमिकी  दर्ज कराई थी.  मामला सामने आया था कि 100 एकड़ से अधिक जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दी गई है. इस मामले की जांच और कार्रवाई सीआईडी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है. इस मामले में अब तक इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन की गिरफ्तारी हुई है. घोटाले का आंकड़ा लगभग 1000 करोड़ का माना जा रहा है.  घोटाले को अंजाम देने वालों की संख्या लंबी है और शायद यही वजह है कि केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां जांच में जुटी हुई है. 

22 अप्रैल 25 को केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने जाँच शुरू की 

सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2025 में  सीआईडी की एंट्री हुई. 22 अप्रैल 25 को केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय इस महाघोटाले की जांच शुरू की और इसके साथ ही बोकारो सहित कई जगहों पर छापेमारी की गई. इस मामले में बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षी रुद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर धारा 406, 420, 467, 4680 471, 120बी/34 व 30(सी)/63 फॉरेस्ट एक्ट के तहत सेक्टर-12 थाना में 18 मार्च 2024 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पूर्व में तेतुलिया मौजा की 95.65 एकड़ जमीन बोकारो इस्पात संयंत्र को वापस करना था, लेकिन वापस नहीं किया गया. भूमि को भूमाफिया ने हस्तांतरित कर गबन कर लिया. जमीन की चास अंचल की ओर से जमाबंदी करने का मामला सामने आने के बाद बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने चास अंचल के सीओ को पत्र लिखा. कहा कि जमीन वन भूमि है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो