रांची (RANCHI) : पश्चिम बंगाल में 48 लाख कैश के साथ पकड़े गए कांग्रेस के तीनों निलंबित विधायकों को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने अरगोड़ा थाना में दर्ज जीरो fir को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही विधायकों द्वारा दर्ज याचिका को अदालत ने सुनवाई के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है. यह फैसला न्यायाधीश एस चंद्र शेखर की अदालत ने सुनाया.
बता दें कि इससे पहले इस मामले में 24 फरवरी को हाई कोर्ट में विस्तृत बहस हुई थी. जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि तीनों विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगाड़ी ने जीरो एफआईआर को कोलकाता स्थानांतरित किए जाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी.
तीनों विधायकों से ईडी कर चुकी है पूछताछ
बता दें कि थाना प्रभारी से पूछताछ के पहले ईडी ने कैश कांड में आरोपी कांग्रेस के तीनों विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी से बारी-बारी से पूछताछ की. इससे पहले बेरमो विधायक से भी ईडी ने पूछताछ की थी.
क्या है कैश कांड मामला?
बता दें कि बंगाल पुलिस ने कांग्रेस के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सेल कोंगारी को गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से 48 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई थी. हालांकि, उन्होंने उनसे संबंधित नकदी को स्वीकार कर लिया. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनका वैध पैसा था जिसे वे लोगों के बीच बांटने के लिए 'साड़ियां' खरीदने के लिए ले जा रहे थे. तीनों विधायकों को 30 जुलाई को हिरासत में लिया गया था. इन तीनों विधायकों की गिरफ़्तारी के एक दिन बाद बेरमो विधानसभा सीट से विधायक जयमंगल सिंह ने अरगोड़ा थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करायी.
अनूप सिंह ने कराया था जीरो एफआईआर
बता दें कि इस मामले में विधायक अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाने में तीनों विधायक के खिलाफ जीरो एफआईआर कराया था. जिसमें कहा गया था कि तीनों विधायक ने सरकार को अस्थिर करने के लिए 10 करोड़ का ऑफर और मंत्री पर का लालच दिया गया था. बता दें कि अनूप सिंह इससे पहले भी साल 2020 में एक एफआईआर करा चुके हैं. उस दौरान भी उन्होंने कहा था कि सरकार गिराने के लिए उन्हें ऑफर दिया गया था.
रिपोर्ट : समीर हुसैन, रांची
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