रांची(RANCHI): तमिलनाडु में हिन्दी भाषा-भाषी मजदूरों के साथ मारपीट की खबरों को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर अधिकारियों की एक टीम को मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए तमिलनाडु रवाना कर दिया गया है.

तमिलनाडु के कई शहरों में बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर 

यहां बता दें कि तमिलनाडु के कई शहरों में काफी बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर काम करते हैं. इसमें बड़ी संख्या दिहाड़ी मजदूरों की होती है. हालिया दिनों में वहां हिन्दी भाषा-भाषी मजदूरों के साथ मार-पीट की खबरें आ रही है. दावा किया जा रहा है कि कुछ मजदूरों ने वीडियो जारी कर अपनी सुरक्षित वापसी की गुहार लगायी है. साथ ही तमिलानाडु से लौटे कुछ मजदूरों ने भी मारपीट की खबरों को सही बताया है. 

तमिलनाडु की सरकार ने मारपीट की खबरों को झूठा करार दिया

लेकिन तमिलनाडु की सरकार इन खबरों को भ्रामक बता रही है, तमिलनाडु के श्रम विकास और कौशल विकास मंत्री सी.वी. गणेशन ने मीडिया से कुछ हिस्सों में बिहारी और अन्य हिन्दी भाषा-भाषी राज्यों के मजदूरों के साथ मारपीट की खबरों को झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा  है कि तमिनलाडु के विकास में हिन्दी भाषा-भाषी राज्यों के मजदूरों का अहम योगदान है. हमारे कारखाने इनके खून पसीने से फलते फुलते रहे हैं. अतिथियों का स्वागत और सुरक्षा करना तमिल संस्कृति का अहम  हिस्सा है.

सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें डालने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी तमिलनाडु की सरकार 

उन्होंने दावा कि हिन्दी भाषा-भाषी मजदूर हमारे कारखानों में खुशनुमा माहौल में कर रहे हैं, उन्हे किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है,  कारखानों के अन्दर और बाहर उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है. सोशल मीडिया में चलाई जा रही इन खबरों का दूर दूर तक सच्चाई से कोई नाता नहीं है. सरकार जल्द ही सोशल मीडिया पर इस प्रकार की भ्रामक खबरों को डालने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जा  चुका है.