पलामू(PALAMU):: आजादी के 77 साल बाद भी हुसैनाबाद प्रखंड मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूर बेल बिगहा पंचायत के कजरात गांव में 11 मुसहर परिवार पीपल के पेड़ के नीचे प्लास्टिक और कूट से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं. करीब 65 लोग छोटी-छोटी एक कमरेनुमा झोपड़ियों में जिंदगी बिता रहे हैं. झोपड़ी देखकर लगता है कि यह इंसानों के रहने लायक नहीं बल्कि बकरी या मुर्गी रखने की जगह हो.

2021 में जमीन का कागज मिला लेकिन जमीन पर कब्जा आज भी नहीं

55 वर्षीय चालीतर मुसहर बताते हैं कि उनके पूर्वज भी इसी हालात में गुजर गए और अब उनकी भी यही नियति बनी हुई है. नागेश्वर मुसहर का कहना है कि साल 2021 में चार परिवारों को 4-4 डिसमिल जमीन का कागज मिला था. उस समय तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी ने आवास दिलाने की बात कही थी. लेकिन चार साल बीतने के बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला. मरछी कुंवर बताती हैं कि उनके पति के नाम पर्चा तो जारी हो गया, लेकिन जमीन पर जाते ही कथित जमींदार केस करने की धमकी देकर भगा देता है. इसकी शिकायत बार-बार अनुमंडल व अंचल कार्यालय के साथ जनप्रतिनिधियों से की गई, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

जानें किन-किन परिवारों के कितने सदस्य रह रहे हैं झोपड़ियों में

कजरात गांव के इस अस्थायी टोले में रहने वाले 11 परिवारों में बिशु मुसहर परिवार के 5 सदस्य, राय मुसहर परिवार के 8 सदस्य , विजय मुसहर परिवार के 5 सदस्य, चालीतर मुसहर परिवार के 10 सदस्य, अजीत मुसहर परिवार के 6 सदस्य, मंगर मुसहर परिवार के 4 सदस्य, अनिल मुसहर परिवार के 6 सदस्य, नागेश्वर मुसहर परिवार के 12सदस्य, धीरज मुसहर परिवार के 5 सदस्य, रोहित मुसहर परिवार के 2 सदस्य और मरछी कुंवर परिवार के 3 सदस्य शामिल हैं.

प्रशासन से उम्मीदें अधूरी

इन परिवारों की दशा यह साबित करती है कि सरकारी योजनाएं और आवास योजना केवल कागजों पर सिमट कर रह गई हैं. जमीन आवंटन के बावजूद इन वंचितों को अब तक सिर पर छत नसीब नहीं हुई. पीपल के पेड़ के नीचे तिरपाल तानकर जिंदगी काट रहे ये परिवार अब भी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं.

अंचल अधिकारी के संज्ञान में है मामला

पंकज कुमार, अंचल पदाधिकारी,हुसैनाबाद ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है. वह भूमि पर गए थे, मुसहर परिवारों से मिले भी थे. स्थानीय कुछ लोगों का उनके वहां बसने पर आपत्ति है. एक व्यक्ति भूमि पर दावा करते हैं. उन्हे भी कागजात के साथ अंचल कार्यालय बुलाया गया है. जल्द ही उन्हें प्राप्त भूमि पर उनका कब्जा दिलाने की दिशा में वह गंभीर है. इसके लिए प्रक्रिया की जा रही है.