खूंटी (KHUNTI) : आभा देवी अपने पति की मौत से बेखबर थीं. महाअष्टमी पर वे सज-धजकर पूजा की थाल लेकर मेराल से माहिल पूजा पंडाल में मां के दरबार में दुआ मांगने गई थीं. उन्होंने मां से प्रार्थना की कि “हे मां, मेरे पति (राहुल मांझी) को थाने से रिहा कर दो.” तब उन्हें यह पता नहीं था कि उनके पति इस दुनिया को ही छोड़ चुके हैं.

लेकिन जैसे ही आभा देवी पूजा कर पंडाल से बाहर आईं, वे बेहोश होकर गिर पड़ीं. मानो माता ने उन्हें आभास दिला दिया हो कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे. उस समय उनका शव मुरहू थाने के टॉयलेट के वेंटीलेटर से लटक रहा था.

परिवारवालों ने आभा देवी को यह सूचना दी कि उनके पति ने मुरहू थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. इसके बाद आभा देवी अपने ससुर अशोक मांझी, पांच वर्षीय पुत्र आर्या मांझी और अन्य परिजनों के साथ मुरहू थाना पहुंचीं. शुरू में परिजन इस मामले से अनभिज्ञ बने रहे और राहुल से मिलने की बात पुलिस से कही, लेकिन जल्द ही स्पष्ट हो गया कि राहुल मांझी की मौत हो चुकी है. यह सुनते ही आभा देवी और उनका पुत्र आर्या फूट-फूटकर रोने लगे. परिजनों का गुस्सा चरम पर था. वे बार-बार राहुल की हत्या किए जाने का आरोप लगा रहे थे. बेसुध पिता आकाश मांझी कह रहे थे “हमें भी गोली मार दो. जब राहुल ही नहीं रहा, तो हम किसके सहारे जिएंगे?” थाने का वातावरण रोन-चिल्लाने से गूंजता रहा. मेराल से अगवा कर माहिल ले जाया गया था राहुल बताया गया कि राहुल मांझी सोमवार की शाम अपने बेटे आर्या के साथ नाश्ता करने माहिल गांव गए थे. बेटे को होटल में समोसा दिलाने के बाद वे बगल में चले गए. वहीं माहिल गांव की एक युवती ने उन पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया. इसके बाद राहुल वहां से भागकर अपने मेराल स्थित घर लौट आए.

इसी बीच एक ऑटो पर सवार होकर कुछ लोग मेराल पहुंचे और राहुल को जबरन उठा ले गए. उनके साथ मारपीट भी की गई और उसके बाद रस्सी से बांध दिया गया. बाद में इन्हीं लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और राहुल को थाने ले आई. उन पर केस दर्ज कर हाजत में बंद कर दिया गया. राहुल ने टॉयलेट के वेंटीलेटर से बिजली के तारों के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. 

परिजनों का कहना है कि यदि राहुल ने युवती के साथ छेड़छाड़ किया था, तो थाने में केस दर्ज करना चाहिए था. अगवा करने वालों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था. परिजनों की मांग है कि अगवा कर मारपीट करने और रस्सी से बांधकर रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. वहीं परिजन राहुल की मौत के मामले में पुलिस को भी दोषी ठहरा रहे हैं.

इस मामले में कार्रवाई करते हुए एसपी मनीष टोप्पो ने मुरहू के थानेदार रामदेव यादव को निलंबित कर दिया है. मुरहू थाने की कमान पूर्व में मुरहू के प्रभारी रह चुके गॉडविन केरकेट्टा को सौंपी गई है. यह जानकारी एसडीपीओ वरुण रजक ने दी.

पूरे मामले की हो रही मजिस्ट्रेट जांच

बता दें कि राहुल मांझी बीएसएफ में था. इस गंभीर मामले की पूरी जांच मजिस्ट्रेट के अधीन है. थाने में हर कार्रवाई मजिस्ट्रेट की देखरेख में की जा रही है. शाम चार बजे तक मृतक राहुल के परिजनों के विरोध के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा नहीं जा सका था.