रांची(RANCHI): नयी नियोजन नीति को लेकर विधान सभा के अन्दर भाजपा के हंगामें पर तंज कसते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि अब जब हिन्दी, इंग्लिश और संस्कृत को नयी नियोजन नीति में समायोजित कर दिया गया है, भाजपा के पेट में दर्द होने लगा है. भाजपा को बताना चाहिए कि उसकी परेशानी का कारण क्या है. दूसरों पर बाहरी-भीतरी करने का आरोप लगाने वाली भाजपा को इस बात का जवाब देना चाहिए कि क्या सिर्फ हिन्दी- भोजपुरी बोलने के कारण ही हम विदेशी हो गये?
झारखंड और झारखंडियों के साथ गद्दारी का आरोप
भाजपा पर झारखंड और झारखंडियों के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाते हुए बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम तो शुरु से ही इस बात के हिमायती रहे हैं कि यहां कोई बाहरी-भीतरी नहीं है, लेकिन हिन्दी और भोजपुरी से भाजपा को क्या परेशानी है? इसका जवाब उन्हे देना चाहिए. यदि भाजपा को हिन्दी-भोजपूरी और अंग्रेजी से इतनी ही परेशानी है तो उसे साफ-साफ बताना चाहिए. पर्दे के पीछे छुप कर राजनीति करने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है, झारखंड के लोगों को भी भाजपा का असली चेहरा देखने को मिलेगा.
पूर्व की नियोजन नीति में हिन्दी-अंग्रेजी और संस्कृत को क्षेत्रीय भाषा की सूची से बाहर रखा गया था
यहां बता दें कि पूर्व की नियोजन नीति में सरकार ने हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत को क्षेत्रीय भाषा की सूची से बाहर रखा था, तब भाजपा के द्वारा इसको काफी बड़ा मुद्दा बनाया गया था, बाद में हाई कोर्ट ने इस नियोजन नीति को निरस्त भी कर दिया गया था.
नयी नियोजन नीति में हिन्दी-अंग्रेजी और संस्कृत को मिली जगह
अब राज्य सरकार नयी नियोजन नीति के साथ आयी है और इस नियोजन नीति में झारखंड की दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ही हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत को भी समाहित किया गया है, लेकिन भाजपा इस नियोजन नीति को झारखंडियों के साथ गद्दारी और वादाखिलाफी बता रही है. सदन में भाजपा काफी आक्रमक तरीके से सरकार को झारखंडियों का दुश्मन बता रही है. जिसके बाद स्वास्थ्य़ मंत्री बन्ना गुप्ता का यह बयान आया है.
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