दुमका (DUMKA) : मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. योजना की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंडिया गठबंधन की सरकार दोबारा सत्ता में आई. ₹1000 से शुरू हुई इस योजना की राशि बढ़कर ₹2500 हो गयी. आज के समय में लगभग 56 लाख महिलाओं के खाते में योजना की राशि आ रही है. इस राशि से महिलाएं दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीद रही है. लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि एक मच्छरदानी की कीमत क्या होगी? आप यही कहेंगे यह कैसा सवाल है. आपका जबाब होगा सौ, 2 सौ, 5 सौ रुपये और क्या? लेकिन दुमका जिला के सदर प्रखंड के बासमत्ता की लगभग एक दर्जन महिलाएं एक मच्छरदानी की कीमत जो चुका रही है उसे सुनकर आप भी चौक जाएंगे. महिलाएं हर महीने खाता में आने वाली मंईयां सम्मान योजना की राशि एक मच्छरदानी के बदले चुका रही है. पहले तो समझ ही नहीं पाई कि यह क्या हो रहा है. राशि खाता में आने के दूसरे दिन ही खाता से निकल जा रहा है. महिलाएं जब रूपया की निकासी करने बैंक पहुंची तो पता चला कि रुपये की निकासी हो चुकी है. जब हर महीने यही कहानी दोहराई जाने लगी तब इन्हें महसूस हुआ कि इनके साथ खेला हो गया. महिलाएं साइबर फ़्रॉड की शिकार हो चुकी है.
मुफ्त में मच्छरदानी देकर लिया आधार और अंगूठा का निशान
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि कुछ महीने पूर्व इनके गांव में मच्छरदानी का वितरण करने स्कार्पियो से कुछ लोग आए थे. सरकार की मुफ्त मच्छरदानी वितरण योजना की जानकारी देकर महिलाओं को मच्छरदानी दिया. बदले में इनसे आधार नम्बर और अंगूठे का निशान ले लिया. उसके दो दिन बाद से ही इन महिलाओं के खाते से रुपये की निकासी होने लगी. शुरू में तो महिलाएं समझ ही नहीं पाई कि यह क्या हो रहा है. इसी बीच एक महिला के खाता में अबूआ आवास योजना के तहत ₹50 हजार आया, लेकिन जब तक महिला रुपया की निकासी करती उसके पूर्व ही सारा रुपया निकाल लिया गया.
मसानजोर में सीएम के कार्यक्रम में विधायक बसंत सोरेन से फरियाद करने पहुंची पीड़िता का बीडीओ ने लिया आवेदन
महिलाएं समझ गई कि वह साइबर फ्रॉड के चक्कर में फंस चुकी है. बात छिपाने से समाधान नहीं होगा. अंत में 25 जनवरी को महिलाएं सीएम हेमंत सोरेन के कार्यक्रम में शामिल विधायक बसंत सोरेन से फरियाद करने मसानजोर स्थित इको कॉटेज पहुंच गई. सुरक्षा कारणों से जब तक ये महिलाएं विधायक से मिल पाती उसके पूर्व ही सदर बीडीओ की नजर पीड़ित महिलाओं की टोली पर पड़ी. बीडीओ ने महिलाओं से पूरी घटना की जानकारी ली. महिलाओं ने बीडीओ को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.
बीडीओ ने दिया समाधान का भरोसा
इस बाबत बीडीओ ने कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से इनकार किया. लेकिन उन्होंने भरोसा दिया कि समस्या का समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आवेदन के आधार पर पहले पीड़ित महिला के खाता से राशि की निकासी पर रोक लगाया जाएगा उसके बाद पूरे मामले की गहनता से जांच की जाएगी. प्रशासन का यह प्रयास होगा कि पीड़िता को साइबर फ्रॉड के चंगुल से मुक्त कराते हुए दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
साइबर फ्रॉड का हर दिन सामने आ रहा है नया नया तरीका
यह घटना एक सबक है वैसे लोगों के लिए जो मुफ्त की वस्तु को बगैर सोचे समझे अपने पास रख लेते हैं. वैसे भी कहा गया है कि लालच बुरी बला है. आज के समय में साइबर फ्रॉड एक गंभीर समस्या है. जामताड़ा से निकली चिंगारी देश से लेकर विदेश तक पहुंच चुकी है. आए दिन कई लोग साइबर अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं. मूर्ख से लेकर पढ़े लिखे लोग, मजदूर से लेकर सरकारी सेवक तक को साइबर अपराधी अपने झांसे में लेकर उसके खाता से रुपए की अवैध तरीके से निकासी कर रहा है. गांव की भोली भाली जनता साइबर अपराधी का सॉफ्ट टारगेट होता है. इसलिए लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.
The News Post की भी प्रशासन से यही अपेक्षा है कि भोली भाली ग्रामीण महिलाओं को साइबर फ्रॉड के चंगुल से मुक्त कराते हुए राशि वापस कराई जाए ताकि सरकार की योजनाओं के सहारे ये महिलाएं आर्थिक उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सके.
रिपोर्ट-पंचम झा
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