धनबाद(DHANBAD): धनबाद नगर निगम में घर-घर से कचरा उठाने वाली एजेंसी सवालों के घेरे में है. जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. आरोप है कि मिट्टी, छाई ,बिल्डिंग मटेरियल की ढुलाई कर निगम को कचरे का बिल भुगतान के लिए दे दिया है. बताया जाता है कि निजी एजेंसी कचरा के बजाय मिट्टी, छाई और बिल्डिंग मटेरियल वाहनों में भरकर अपने कांटा घर में वजन कराया और फिर उसका बिल भुगतान के लिए निगम के पास जमा कर दिया. इसका खुलासा एक शिकायत के बाद हुआ है .कुसुंडा के रहने वाले एक व्यक्ति ने सूडा निदेशक को पत्र लिखा था.
शिकायत के आधार पर शुरू हुई जाँच तो मामला पकड़ाया
पत्र में कचरा उठाव में गड़बड़ी की शिकायत की थी. उसके बाद सूडा निदेशक ने नगर निगम को जांच करने का आदेश दिया था. निगम ने जब एक टीम बनाकर इसकी जांच कराई, तो शिकायत सही मिली. नगर निगम और एजेंसी के बीच हुए करार के मुताबिक घरों से कचरा उठाकर डंप यार्ड तक पहुंचाने तक का शुल्क प्रति टन ₹2000 है. सूडा के निदेशक से शिकायत की गई थी कि एजेंसी के कर्मी वाहनों में मिट्टी और बिल्डिंग मटेरियल डालकर ऊपर से कचरा डाल देते है. फिर लोयाबाद में एजेंसी के कांटा घर में वजन कराकर उसे यार्ड में डंप कर देते है. एजेंसी रोज 100 से 120 टिप्पर चलाकर करीब 450 टन कचरे का उठाव दिखा रही है. शिकायतकर्ता ने यह भी सुझाव दिया था कि कांटा घर में निगमकर्मी की तैनाती के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरा भी होना चाहिए. लेकिन यह सब नहीं हुआ है.
2019 में भी पकड़ाई थी गड़बड़ी,तब क्या हुआ था
सूत्र बताते हैं कि 2019 में भी कचरे के नाम पर मिट्टी, छाई और बिल्डिंग मटेरियल के उठाव का खुलासा हुआ था. जांच में 10 से अधिक गाड़ियों को पकड़ा भी गया था. इसमें कचरे की जगह मिट्टी लोड थी. इसके बाद एजेंसी के बिल से कटौती भी हुई थी. इधर, जांच शुरू होने के बाद एजेंसी ने अपने कांटा घर में तकनीकी खराबी की बात निगम को बताई है. बताया है कि मशीन जल गई है. औसत के आधार पर वजन कराया जा रहा है. इधर, यह भी पता चला है कि निगम इस बात पर विचार कर रहा है कि नया कंटाघर चिन्हित किया जाए और वही वजन कराया जाएगा. वजन करने का खर्च एजेंसी वहन करेगी. खैर, जो भी हो, लेकिन कचरा उठाव के नाम पर घोटाले की बात सामने आने के बाद निगम की कचरा उठाओ व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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