टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भारत के लिए यह एक गौरव की बात है. यूनेस्को ने मराठा साम्राज्य के मिलिट्री लैंडस्केप को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. इन 12 दुर्गों में भारत की सैन्य प्रतिभा जो भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और प्रशासनिक कुशलता का एक अनूठा उदाहरण हैं, उसे यह सम्मान मिला है. यह भारत के लिए गौरव की बात मानी जा रही है. इतिहासकार बताते हैं कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
छत्रपति शिवाजी की सैन्य परंपरा के बारे में जानिए
छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज के सपने का यह द्योतक है. मराठा सैन्य परिदृश्य उन 12 किलों की कहानी है.हम आपको बता दें कि छत्रपति शिवाजी भारत के एक शासक नहीं बल्कि एक सिद्धांत और विचार थे. छत्रपति शिवाजी राजनीतिक नैतिकता धर्मनिरपेक्ष और लोक कल्याणकारी शासन के प्रतीक माने जाते थे. उन्होंने शासन को सेवा का माध्यम बनाया. हम सभी जानते हैं कि छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान को प्राप्त किया. उन्होंने औरंगजेब के शासन की जड़ हिला दी थी.परंतु वे धार्मिक रूप से सहिष्णु थे. उनकी सेना में सभी जाति धर्म के लोग शामिल थे. उनके शासनकाल में गोरिल्ला युद्ध खुफिया शाखा और नौसेना की नींव रखी गई. उनका शासन भारतीय संस्कृति की एक गाथा है.
यूनेस्को ने पेरिस में यह घोषणा की. मराठा सैनिक परंपरा के 11 किले महाराष्ट्र में और एक किला जिंजी किला तमिलनाडु में है. यूनेस्को द्वारा मराठा मिलिट्री लैंडस्केप को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करना भारतीय शौर्य परंपरा की परिभाषा लिखता है.
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