रांची(RANCHI): नियोजन नीति को लेकर सदन के अन्दर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया है, राज्य सरकार के द्वारा कैबिनेट में लायी गयी नियोजन नीति को आदिवासी-मूलवासियों की हकमारी करार देते हुए आजसू विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा है कि जो सरकार बात-बात में आदिवासी-मूलवासियों के अधिकारों की बात करती थी, आज उसी के द्वारा “ओपन टू ऑल’ की नियोजन नीति लायी गयी है, इस  नियोजन नीति से सरकार ने झारखंड की नौकरियों को ओपन टू ऑल कर दिया है.

गैर झारखंडियों के लिए नौकरी का रास्ता साफ 

उन्होंने कहा कि 1932 की खतियान की बात करने वालों की सच्चाई सामने आ चुकी है, इस सरकार ने पिछले तीन बरसों से राज्य के युवाओं को गुमराह किया है, पांच लाख नौकरियां प्रति वर्ष देने का वादा कर सत्ता में आने वाली इस सरकार ने गैर झारखंडियों के लिए नौकरी का रास्ता साफ कर दिया है. इस नियोजन नीति से यहां से युवाओं का भला होने वाला नहीं है, हम सदन के अन्दर और बाहर भी इसका विरोध करेंगे और सरकार की दोगली नीतियों का पर्दाफाश करेंगे.

सात लाख अभ्यर्थियों से राय के बाद नियोजन नीति लाने का दावा 

यहां बता दें कि राज्य सरकार की पुरानी नियोजन नीति को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था,  दावा है कि उसके बाद हेमंत सरकार के द्वारा करीबन सात लाख अभ्यर्थियों से नई नियोजन नीति को लेकर उनकी राय मांगी गयी थी, और उन सभी सुझावों को नयी नियोजन नीति में समायोजित किया गया है, जिसके बाद सरकार ने एक बार फिर नियोजन नीति को कैबिनेट के सामने रखा है. नयी नियोजन नीति में गैर आरक्षित वर्गों के लिए राज्य से  मैट्रिक और इंटर पास करने की बाध्यता को समाप्त कर झारखंड की परंपरा और संस्कृति की जानकारी की अनिवार्य बाध्यता को भी विलोपित कर दिया गया है. अब विपक्ष इस नयी नियोजन नीति को लेकर सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है.