धनबाद (DHANBAD) : आखिर कौन है झारखण्ड की यह अनामिका गौतम, जिनके खिलाफ अब तक 47 मुकदमे दर्ज किए गए है. इन मुकदमों को लेकर सियासत भी गरमा गई है. सभी मुकदमे झामुमो के पार्ट -1 और पार्ट -2 में दर्ज होने के आरोप है. वह गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की धर्मपत्नी है. सवाल उठता है कि क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा संथाल की राजनीति में अपनी दखल बढ़ाने के लिए अलग रास्ता अख्तियार कर लिया है. इसके लिए अनामिका गौतम को मोहरा बनाया जा रहा है. क्या अनामिका गौतम के खिलाफ सरकार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है. क्या सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से मुकदमे दर्ज करवा रही है. या अब तक दर्ज मुकदमो में कोई दम है. यह सब ऐसे सवाल है जो राजनीतिक गलियारों में घुम रहे है. अनामिका गौतम पर 47 वां मुकदमा दर्ज होने का दावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर किया है. बाबूलाल मरांडी ने सवाल किया है कि क्या राजनीति अब इस स्तर पर आ चुकी है, जहां नेताओं के परिवारों को भी निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने लिखा है कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा अपनी जगह है ,लेकिन नेताओं के समर्थक या विशेष रूप से महिलाओं को इसमें घसीटना राजनीतिक सुचिता के खिलाफ है. 

सभी मुकदमो को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एकतरफा एक्शन बताया है 
 
बाबूलाल मरांडी ने सभी मुकदमों को एक तरफा कार्रवाई बताते हुए कहा है कि संभव है कि मुख्यमंत्री को इसकी पूरी जानकारी नहीं हो और कुछ अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हो. उन्होंने लिखा है कि सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी पर 47वां मुकदमा दर्ज किया गया है. संभव है कि यह सब आपकी जानकारी के बिना हुआ हो. आपके कुछ महत्वाकांक्षी अधिकारियों का कारनामा हो. यह वहीं अवसरवादी लोग हैं. जिन्होंने अतीत में अपने निजी स्वार्थ के लिए आपको इस्तेमाल किया और मुसीबत में डाल दिया. मेरा आपसे आग्रह है कि ऐसे अफसर से बचिए. यह अधिकारी आपको अनावश्यक विवादों में घसीट कर आपकी छवि को नुकसान पहुंचा रहे है. राजनीतिक लड़ाई सीधे होनी चाहिए ,परिवार और सहयोगी -समर्थकों को निशाना बनाना एक स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं है. उन्होंने आगे लिखा है किआशा है आप इस मामले का संज्ञान लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सत्ता  का दुरुपयोग राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ना हो. 

इसके बाद भी उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर दूसरा पोस्ट लिखा है कि कल ही मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को चेताया था कि सांसद निशिकांत दुबे जी के परिवार पर राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की जा रही है. आज माननीय झारखंड उच्च न्यायालय ने उस पर मुहर लगा दी है. उच्च न्यायालय ने सांसद निशिकांत दुबे जी की पत्नी के खिलाफ दर्ज केस की संपूर्ण जांच प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी है. न्यायालय में स्पष्ट माना  है कि प्रथम दृष्टया कोई आपराधिक मामला नहीं बनता. मुख्यमंत्री जी -आपके अधिकारियों की कार्यशैली पर यह गंभीर सवाल है. राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक मैदान में लड़े, परिवारों को और झूठे मुकदमों को इसका हथियार ना बनाएं ,ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई करें ,जो आपकी सरकार की छवि को धूमिल कर रहे है. बता दें कि अनामिका गौतम गोड्डा  से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे की धर्मपत्नी है.  निशिकांत दुबे फिलहाल भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रूप में उभरे है. निशिकांत दुबे को  प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उनकी मुखरता और विभिन्न मुद्दों पर अपनी पार्टी का बचाव करने के लिए जाना जाता है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो