रांची (RANCHI) : झारखंड देश का पहला राज्य बन गया जहां अब 'माइनिंग टूरिज्म प्रोजेक्ट' की शुरूआत हो गई. देखा जाए तो झारखंड अपनी खनिज संपदा और खनन क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के सहयोग से देश में पहली बार खनन पर्यटन की शुरुआत की जा रही है. इस परियोजना को रूप देने के लिए आज (21 जुलाई) प्रोजेक्ट भवन में MoU साइन किया गया. इस मौके पर झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार और JTDC और CCL के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें.
बताते चलें कि झारखंड, भारत के कुल खनिज उत्पादन में चालीस प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है. इसे खनिजों, जंगलों और ऊर्जा की धरती कहा जाता है. अब झारखंड पर्यटकों को खनन का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करने के लिए है तैयार.
झारखंड में खनन पर्यटन की शुरुआत हो चुकी है, जहां आप ओपन कास्ट खानों, साइलो साइट्स को नज़दीक से महसूस कर पायेंगे और रोमांच का आनंद ले सकते हैं. झारखंड टूरिज्म डेवलमेंट कारपोरेशन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के साथ साझेदारी में आयोजित ये रोमांचक टूर सुरक्षा गियर, भोजन और कभी न भूलने वाले दृश्यों के साथ एक यादगार अनुभव प्रदान करेगा,
इन जगहों पर कराया जाएगा भ्रमण, जानें किराया
- यदि आप रजरप्पा मंदिर की यात्रा के संग खनन पर्यटन का अनुभव करना चाहते हैं तो उसकी कीमत होगी प्रति व्यक्ति 2800 रुपए+ जीएसटी
- वहीं पतरातु घाटियों के नज़ारों को देखते हुए खनन पर्यटन का अनुभव करना तो उसकी कीमत होगी प्रति व्यक्ति 2500 रुपए+ जीएसटी
अगर आप इको-माइनिंग में रुचि रखते हों, धार्मिक अन्वेषण करना चाहते हों या औद्योगिक विस्मय का अनुभव लेना चाहते हों, झारखंड के पास हर किसी के लिए कुछ न कुछ है.
पर्यटकों को मिलेगी नाश्ते से लेकर दोपहर के भोजन तक की व्यवस्था
पर्यटकों को दिए जाने वाले पैकेज में नाश्ते से लेकर दोपहर के भोजन तक की व्यवस्था होगी. झारखंड सरकार का मानना है कि खनन पर्यटन की इस पहल से राज्य के युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के पर्यटन राजस्व में भी वृद्धि होगी. साथ ही, लोग झारखंड की खनन संस्कृति और विरासत से सीधे जुड़ सकेंगे.
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