टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भारत ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखते हुए यूक्रेन में हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की अपनी मांग को एक बार फिर दोहराया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देता है, उसमें बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में उप स्थायी प्रतिनिधि, आर रवींद्र ने युद्धग्रस्त देश में वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की और दोनों देशों से संघर्ष को रोकने की अपील की. उन्होंने रूस और यूक्रेन दोनों से रक्तपात को रोकने के लिए बातचीत के टेबल पर लौटने का आग्रह किया. यूक्रेन में यूएनएससी अररिया-फॉर्मूला बैठक में आर. रवींद्र ने कहा कि हम यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित हैं और हिंसा को तत्काल समाप्त करने, शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान करते हैं.

बूचा में नागरिकों की सामूहिक हत्या की भारत ने की निंदा

भारतीय प्रतिनिधि ने जोर देकर कहा कि खून बहाकर और निर्दोष लोगों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. उन्होंने देशों से कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर चलने की अपील की. यूक्रेन के बुचा में नागरिकों की सामूहिक हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उन्होंने कहा कि हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया है. हमने बूचा में कथित हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा की है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान के लिए अपना समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा कि भारत मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा का मसौदा तैयार करने सहित, अपनी स्थापना से मानव अधिकारों की रक्षा करने में सबसे आगे रहा है. हम दृढ़ता से मानते हैं कि सभी निर्णय उचित प्रक्रिया का सम्मान करते हुए लिए जाने चाहिए, क्योंकि हमारे सभी लोकतांत्रिक गुण और संरचनाएं हमसे जुड़ती हैं. और यह संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भी लागू होता है. उन्होंने कहा कि हम मॉस्को और कीव सहित इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चल रही यात्रा का, जिसमें यूक्रेन में मानवीय गलियारों पर पार्टियों के साथ उनकी चर्चा का सकारात्मक रूप से संज्ञान लिया गया है, खासकर मारियुपोल में, उसका स्वागत करते हैं.

24 फरवरी से जारी है रूस-यूक्रेन युद्ध

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अलग किए गए क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले एक डिक्री पर हस्ताक्षर करने के लगभग दो दिन बाद रूस ने यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध शुरू किया था. 24 फरवरी को, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के खिलाफ एक सैन्य अभियान शुरू किया गया था. तब से, अब तक लगातार यूक्रेन के शहरों पर रूस बमबारी कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हजारों नागरिक मारे गए हैं. शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अपने रूसी समकक्ष से युद्ध को तुरंत समाप्त करने की अपील की, लेकिन उन्होंने कहा कि वह रूसी सेना को यूक्रेनी भूमि का एक भी टुकड़ा नहीं लेने देंगे.