टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- भारत में अपराधिक कानूनों में बड़ा बदलाव किया गया है, जिसके चलते कई पुराने नियम बदल गये. हिट एंड रन कानून में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसके चलते देश भर में बवाल बढ़ता जा रहा है. खासकर ड्राइवर इसे लेकर बेहद चिंतित हैं. जगह-जगह इस कानून के खिलाफ हंगामा औऱ बवाल बढ़ता ही जा रहा है. चलिए जानते है कि आखिर क्या है हिट एंड रन का नया कानून जिससे गुस्सा भड़का है.
हर साल लगभग 50 हजार सड़क हादसे
देश में सालाना सड़क तकरबीन 50 हजार लोगों की जान सड़क हादसे में ही चली जाती है, जिसमे समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के चलते भी कईयों की मौत वक्त से पहले होती है. इस दौरान ड्राइवर या गाड़ी चलाने वाला मौका देखकर फरार हो जाता है. नये कानून में इसी को लेकर बेहद सख्ती की गई है. फिलहाल निजी वाहन के ड्राइवर यूपी, हरियाणा, एमपी, बिहार, झारखंड, हिमाचल, दिल्ली, जम्मू कश्मीर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
क्या है नया कानून
नये कानून में हिट एंड रन को भारतीय न्याय संहित के सेक्शन 104 में समाहित किया गया है. इसके अनुसार अगर गलत ड्राइविंग या फिर लापरवाही के चलते किसी की जान चली जाए तो फिर चालत को सात साल की सजा औऱ जुर्माना भी लगेगा. इसे सेक्शन 104(A) में जिक्र किया गया है. वही 104(B) में साफ लिखा गया है कि अगर कोई हादसा हो जाता है, और गाड़ी की टक्कर से ड्राइवर मौके से या फिर वाहन लेकर फरार हो जाता है. इस हादसे की जानकारी पुलिस या फिर मजिस्ट्रेट को नहीं देता है, तो उसे 10 साल तक कैद के साथ फाइन भी देनी होगी. इसी सख्ती के चलते सभी के होश उड़े हुए हैं. हालांकि ये कानून निजी वाहन चालकों पर ही नहीं सभी पर लागू है.
दोधारी तलवार है ये कानून !
हिट एंड रन का कानून पर विशेषज्ञों की माने तो ये दोधारी तलवार की तरह साबित हो सकता है. नये कानूनी प्रावधानों के मुताबिक अगर ड्राइवर किसी को मार कर भाग जाता है तो फिर उसे दस साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा. दूसरी तरफ मौका ए वारदात पर अगर चालक ठहरता औऱ पीड़ित को अस्पताल ले जाने की कोशिश करता है, तो भीड़ गुस्से में उसे पीट-पीटकर मार देगी. ऐसी हालत में दोहरी मुसबित चालकों को भुगतनी पड़ेगी. हिंट एंड रन का नया कानून आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति पैदा कर दी है. ऐसे हालत में लगता है कि आने वाले वक्त में इसे लेकर ओर ज्यादा रोष दिखाई पड़ेगी.
झारखंड में भी इस कानून के खिलाफ ट्रक और बस ड्राइवर्स के बीच काफी गुस्सा देखने को मिला था. इसके असर के चलते ही बस औऱ ट्रक नहीं सड़कों पर नहीं चले. बतााया जा रहा है कि 800 बसों के पहिए थम गये . 1 जनवरी को इस हड़ताल के चलते मुसाफिरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी
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