टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : पहलगाम आतंकी हमले ने सबको झकझोंर कर रख दिया है. आतंकियों ने ना किसी से जाति पूछा, न भाषा...पूछा तो बस "धर्म" और फिर लोगों को मौत के घाट उतार दिया. घाटी के बीच में विनय की नई दुल्हन उसकी लाश के पास पथराई बैठी, मन में बस एक ही सवाल की आखिर उसका क्या गुनाह..? इस हमले की तस्वीरें दिल को झकझोंर कर रख दिया है. महज एक सप्ताह पहले ही तो विनय की शादी हुई थी. शादी की रस्में निभाने के बाद विनय अपनी पत्नी के साथ कश्मीर घूमने के लिए गया था. पर क्या पता था कि चंद मिनटों में उसके सारे सभी सपने चकनाचूर हो जाएंगे.    

पहलगाम में कहां हुआ आतंकी हमला

पहलगाम श्रीनगर से 90 किलोमीटर दूर है. बैसरन घाटी यहां से 6 किलोमीटर दूर है, जहां पहुंचने में 30 मिनट लगते हैं. इस जगह को 'मिनी स्विटजरलैंड' भी कहा जाता है. यहां घास के मैदान हैं, एक तरफ घने देवदार के जंगल हैं. पर्यटक तुलियन झील की सैर करने भी आते हैं. यहां पर मंगलावार को आतंकी हमला हुआ.

हमले के समय कोई खा रहा था कोई घूम रहा था

अलग-अलग राज्यों से आए पर्यटक और विदेशी पर्यटक मौजूद थे. घटनास्थल पर कुछ खाने-पीने की दुकानें हैं. कुछ पर्यटक वहां भेलपुरी खा रहे थे. कुछ पर्यटक खच्चरों पर सवार होकर यात्रा कर रहे थे. कुछ लोग मैदान में बैठकर पिकनिक मना रहे थे.

आतंकियों ने सेना के वर्दी को बनाया अपना हथियार

मंगलवार दोपहर 3 बजे सेना की वर्दी पहने आतंकी जंगल के रास्ते आए और पर्यटकों से पहचान पत्र मांगने लगे. पहचान पत्र से उन्होंने पर्यटकों का धर्म पता किया. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को गोली मार दी. हालांकि, मरने वालों में कुछ विदेशी भी हैं. स्थानीय दुकानदारों और पर्यटकों ने पेड़ों के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई. हमले के बाद आतंकी पहाड़ियों की ओर भाग गए. अभी तक उनकी मौत या गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की ली जिम्मेदारी

आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है. TRF आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है. पाकिस्तान में रहने वाला शेख सज्जाद गुल TRF का मुखिया है. बताते चलें कि TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट की कहानी 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले से शुरू होती है. कहा जाता है कि इस हमले से पहले ही द रेजिस्टेंस फ्रंट ने घाटी के अंदर अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे.