धनबाद(DHANBAD):  ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में कोयले की हेराफेरी का मामला पकड़ में आया है.  इस मामले में ट्रांसपोर्टिंग माफिया का खेल निराला है.  कोयला लोड था किसी दूसरे हाईवा  में लेकिन उन वाहन  का जीपीएस लगा मिला, किसी दूसरे वाहन में.  अब इसके बाद जांच की कार्रवाई शुरू हुई है.  लेकिन इतना तो तय है कि इस मामले को आधार बनाकर अगर आगे जांच पड़ताल पुख्ता ढंग से की जाए, तो ट्रांसपोर्ट माफिया का बड़ा खेल सामने आ सकता है.  दरअसल, पूर्वी झरिया क्षेत्र के भौरा फोर  ए पैच  से कोयला लोड कर दो हाइवा सुदामडीह  रेलवे साइडिंग के लिए निकले.  उसके बाद  हाईवा  लापता मिले.  उन दोनों हाईवा  का जीपीएस सिस्टम सुदामडीह  रेलवे साइडिंग के समीप खड़े एक अन्य हाईवा  से बरामद किये गए है. 

अगर गंभीरता से जाँच हुई तो कई की फंसेगी गर्दन 
 
प्रबंधन ने उन  हाईवा  को जब्त  कर लिया है.  दो कोयला लोड हाईवा  गायब होने की सूचना मिलते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया.  अधिकारियों के साथ चेक नाका लोडिंग स्थल और सुदामडीह  रेलवे साइडिंग में तैनात सीआईएसएफ, आंतरिक सुरक्षा बल, कोयला डिस्पैच से जुड़े कर्मी  परेशान हो गए.  महाप्रबंधक को इसकी सूचना मिली.  उसके बाद जांच शुरू कराई गई. इस मामले को ट्रांसपोर्टिंग के नाम पर कोयले की हेराफेरी से जोड़कर देखा जा रहा है.  सूचना के मुताबिक कोयला लोड कर मंगलवार की रात करीब 11 बजे सुदामडीह  रेलवे साइडिंग के लिए हाईवा  निकले.  लेकिन दोनों हाईवा  सुदामडीह साइडिंग नहीं पहुंचे.  दोनों कहां गए, यह पता नहीं चला है.  

जीपीएस सिस्टम की काट भी है ट्रांसपोर्ट माफिया के पास 

बताया जाता है कि कोयला लाडे  वाहनों की  निगरानी के लिए उनमें जीपीएस सिस्टम लगाया जाता है. इसकी  निगरानी के लिए एक पदाधिकारी भी नामित होते है.  पर  जीपीएस दूसरे वाहनों में लगाकर लोड कोयले की   हेराफेरी कर ली जाती है.  यह भी  कहा जाता है कि निर्धारित वाहनों का जीपीएस किसी और वाहन  में लगाकर उसे निर्धारित रूट पर भेज दिया जाता है.  इस वजह से मामला जल्द पकड़ में भी नहीं आता है.  बता दे कि  धनबाद में संचालित कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की  अनुषंगी  कंपनी बीसीसीएल  को सिर्फ अवैध उत्खनन से ही नुकसान नहीं होता बल्कि कोयला ट्रांसपोर्टिंग में भी बड़ी मात्रा में खेल किया जाता है.  बीसीसीएल का उत्पादन अभी आउटसोर्सिंग कंपनियों के हाथ में है.  आरोप लगते रहे हैं कि हाइवा  के हाईवा  कोयला गायब कर दिए जाते है.  यह मामला शायद इसी की पुष्टि करता है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो