धनबाद(DHANBAD): सरकारी स्कूल के गुरुजी अब हो जाएं होशियार! सरकार अब डंडा चलाने की तैयारी में है. खराब परीक्षा परिणाम का ठीकरा  उन्हीं के सिर फूटने जा रहा है. देर से स्कूल पहुंचने वालों के खिलाफ भी अब चाबुक चलेगा. जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूल के खराब परीक्षा परिणाम आने पर इसकी पूरी जवाबदेही स्कूल के हेड मास्टर और सब्जेक्ट के शिक्षक पर होगी. 20% से अधिक फेल छात्र-छात्राओं की स्थिति में हेड मास्टर और विषय के टीचर पर विभागीय के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है. अब पढ़ाई में फांकीबाजी  नहीं चलेगी. 

यह आदेश झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद व स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने जारी किया है. बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, अगर शिक्षक ई विद्या वाहिनी में समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं करेंगे, तो लगातार 3 दिन विलंब से आने पर उनका एक दिन का सीएल कट जाएगा. आदेश में यह भी कहा गया है कि डीईओ और डीएससी स्कूलों का लगातार निरीक्षण करेंगे.  रिपोर्ट संबंधित जिले के उपायुक्त, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक को भेजनी है. सचिव ने स्कूलों के  सही संचालन के लिए 18 बिंदुओं का निर्देश दिया है.

 निर्देश में कहा गया है कि जैक की गाइडलाइन के अनुसार छात्रों की उपस्थिति 75% जरूरी है.शिक्षक सभी बच्चों को 75% उपस्थिति के लिए प्रोत्साहित करेंगे. प्रत्येक महीने 75 फ़ीसदी से कम उपस्थिति वाले बच्चों को चिन्हित करेंगे. उनके अभिभावकों को बच्चों की उपस्थिति में बढ़ोतरी के लिए पत्र भी जारी कर सकेंगे. बता दे कि झारखंड में सरकारी स्कूलों की शिक्षा का हाल बेहाल है. कहीं भवन है तो टीचर नहीं, कहीं टीचर हैं तो छात्र नहीं, ऐसे में यह निर्देश किस हद तक जमीन पर उतरेगा, यह देखने वाली बात होगी.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो