धनबाद(DHANBAD): झारखंड के बड़े डीजल उपभोक्ताओं को वैट  में छूट से संबंधित आदेश का प्रकाशन गजट  में कर दिया गया है.  21 अप्रैल को इसका प्रकाशन हुआ है. मतलब 21 अप्रैल से यह आदेश झारखंड  में लागू हो गया है. झारखंड सरकार ने बड़े डीजल उपभोक्ताओं के लिए वैट की  दर को घटाकर  15% कर  दिया है.  लेकिन किन शर्तों पर उन्हें सस्ते दर पर डीजल मिलेगा, इसके  भी कायदा- कानून निर्धारित किये गए  है.  जिनको यह सुविधा दी जाएगी, उनमें सामानों के निर्माणकर्ता ,  राज्य के भीतर खनन तथा  ट्रांसपोर्टेशन करने वाले, उनके पास बड़ी मात्रा में डीजल रखने , इंपोर्ट करने की एक्सक्लूसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन से लाइसेंस प्राप्त हो.  

बड़े खरीददारो को 12000 लीटर से काम डीजल नहीं मिलेगा 

साथ में यह भी कहा गया है कि बड़े खरीददार का मतलब होगा कि वह 12000 लीटर या अधिक सिंगल टैक्स इनवॉइस में डीजल की खरीद कर  सके.  साथ  भी जोड़ा गया है कि उपभोक्ता इसका उपयोग राज्य के भीतर करेंगे तथा इसको बेचेंगे नहीं या स्टॉक को ट्रांसफर नहीं करेंगे.  ऐसे लोगों को  अप्रूवल सर्टिफिकेट लेने के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा.  जैसे झारखंड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट 2017 का रजिस्ट्रेशन की प्रति, झारखंड वैल्यू एडेड टैक्स एक्ट 2005 का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, हाई स्पीड डीजल की पिछले साल में खरीद और उसकी खपत  का विवरण, डीजल की  खपत के लिए और उसके स्टोरेज के लिए मान्य लाइसेंस की प्रति, कार्य आदेश की प्रति, चालू वित्तीय वर्ष में अनुमानित जरुरत  का विवरण, कंपनी के मालिकाना  हक का दस्तावेजी  प्रमाण प्रमाण पत्र. 

30 दिनों के भीतर मिलेगी अनुमति 
 
डीजल खरीद की इच्छुक खरीदारों को चालू वित्तीय वर्ष के 30 दिनों के भीतर अनुमति दे दी जाएगी.  लेकिन इसके लिए सर्किल इंचार्ज को उनके दावों से सहमत होना होगा.  सर्किल इंचार्ज इसके लिए अप्रूवल प्रमाण पत्र  निर्गत करेंगे.  खरीदारों के लिए भी स्वघोषित प्रमाण पत्र देना होगा, लेकिन सर्किल इंचार्ज को यह शक्ति होगी कि वह डीजल की  उपयोगिता के बारे में जानकारी ले सकते हैं या जाँच कर सकते है.  और अगर कोई गड़बड़ी मिलेगी तो अनुमति को रद्द भी कर सकते है.  साथ में यह भी कहा गया है कि यह अधिसूचना ऑफिशियल गजट में प्रकाशित होने की तिथि से लागू होगी यानी 21 अप्रैल से झारखंड में बड़े उपभोक्ताओं के लिए डीजल खरीद पर वैट  की दर कम करने का आदेश लागू हो गया है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो