रांची (RANCHI) : अमन साहू के सबसे करीबी मानें जाने वाले मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा को अजरबैजान से लाने एटीएस की तीन सदस्यीय टीम जाएगी. जिसका नेतृत्व एटीएस एसपी ऋषभ झा करेंगे. इसको लेकर झारखंड सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने रांची से अजरबैजान जाने और वहां से सुनील मीणा को वापस लाने में होने वाले खर्च को भी मंजूरी दे दी है. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.

गौरतलब है कि झारखंड में गैंगस्टरों के सफाए के लिए पुलिस मुख्यालय एक्शन में है. एटीएस को खुली छूट दी गई है ताकि गैंगस्टरों का पूरी तरह सफाया किया जा सके. पुलिस मुख्यालय के निशाने पर प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव, विकास तिवारी समेत कई गैंग हैं.

प्रत्यर्पण संधि के तहत मयंक को लाया जा रहा

मयंक सिंह की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस ने प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे झारखंड लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. झारखंड एटीएस के अनुरोध पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. इसी नोटिस के आधार पर सुनील मीना को गिरफ्तार किया गया. वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नया मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़ासन का रहने वाला है. उसके खिलाफ रामगढ़ के पतरातू में धमकी देने का मामला दर्ज था. एटीएस इसकी जांच कर रही है. एटीएस की टीम पहले ही राजस्थान जाकर उद्घोषणा वारंट का तामिला करा चुकी है. मयंक सिंह के खिलाफ अधिकांश आपराधिक मामले राजधानी रांची के हैं. इसके अलावा चतरा, लातेहार, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, पलामू समेत अन्य जिलों में उसके खिलाफ करीब 43 मामले दर्ज हैं. उस पर गिरिडीह के जेलर को धमकाने और तुपुदाना व रामगढ़ के व्यवसायियों को रंगदारी के लिए धमकाने का आरोप है. वहीं, यह बात भी सामने आई है कि लातेहार में सुजीत सिन्हा और अमन साहू गैंग द्वारा रंगदारी के लिए की गई फायरिंग की जिम्मेदारी मयंक सिंह ने ली है. इसके अलावा रांची के अन्य व्यवसायियों से भी मयंक सिंह के नाम पर रंगदारी मांगने के मामले सामने आए हैं.

अमन साहू की मौत के बाद मयंक और राहुल सिंह ने संभाली गिरोह की कमान

अमन साहू के एनकाउंटर के बाद मयंक और राहुल सिंह ने गिरोह की कमान संभाल ली है. अमन साहू गिरोह से जुड़े सभी कॉल भी मयंक सिंह के नाम से किए जाते थे. मयंक उर्फ ​​सुनील मीना अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के बीच की कड़ी था. वह विदेश से गिरोह का संचालन करता था. बता दें कि इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद उसे अजरबैजान के इमिग्रेशन अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था. तब से वह उस देश की राजधानी बाकू की जेल में रह रहा था. एटीएस ने सीबीआई के जरिए उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी. अजरबैजान में सुनवाई के बाद पिछले दिनों मयंक के प्रत्यर्पण की इजाजत मिली.

11 मार्च को एनकाउंटर में मारा गया था अमन साहू

अमन साहू झारखंड का कुख्यात अपराधी था. 11 मार्च को उसे छत्तीसगढ़ जेल से झारखंड लाया जा रहा था. इस दौरान पलामू पहुंचते ही एनकाउंटर में मारा गया. अमन साहू की कुख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसे झारखंड का लॉरेंस बिश्नोई कहा जाता था. अब उसकी मौत के बाद गिरोह की कमान संभालने वाले मयंक सिंह को झारखंड पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करेगी.