धनबाद(DHANBAD) | पिछले साल मार्च में तोपचाँची  में अवैध  शराब पकड़ी गई थी, लेकिन तस्कर भागने में सफल रहे थे.  फिर सितंबर महीने में मुनीडीह  के  एक आवास  से शराब पकड़ी गई थी.  तीन लोग भी पकड़े गए थे, लेकिन सरगना फरार हो गया था.  अक्टूबर में टुंडी में 20 लाख  रुपए से अधिक कीमत की नकली शराब बरामद हुई थी.  एक धंधेबाज  पकड़ा गया था , लेकिन इस धंधे के बड़े लोग पकड़ में नहीं आए थे.  2025 में 19 जनवरी को राजगंज में छापेमारी में 20 लाख की अंग्रेजी शराब बरामद की गई थी.  मास्टरमाइंड भाग निकला था. 

गलफरबाड़ी  में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की शराब जब्त 
 
21 फरवरी को धनबाद के गलफरबाड़ी  में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की अवैध शराब बरामद हुई.  फिर 22 फ़रवरी  को एक कार  से भारी मात्रा में शराब और स्परिट  जब्त  किया गया है.  यह बात अलग है कि अभी होली का समय है.  ऐसे में अवैध और नकली शराब बनाने  का काम हर साल की तरह इस साल भी तेजी से चल रहा है.  लेकिन सवाल यहां उठता  है कि आखिर बिहार और बंगाल में शराब की आपूर्ति करने वाले सिंडिकेट धनबाद को ही क्यों अपना सेंटर प्वाइंट बनाए हुए है.  शुक्रवार को धनबाद के गलफरबाड़ी  में नकली शराब फैक्ट्री में करीब डेढ करोड रुपए की शराब बरामद हुई है.  होली में इसे खपाने की तैयारी थी.

बिहार से बंगाल तक भेजी जानी थी शराब 
 
 इस शराब को बिहार से बंगाल तक भेजा जाना था.  यह शराब  फैक्ट्री लगभग एक  साल से चल रही थी.  इस छापेमारी में  तीन लोग पकड़ में आए है.  उनका कहना है कि इस शराब को बिहार और बंगाल भेजना था.  शराब पैक कर कमरे में रखी गई थी.  उस कमरे से पंचिंग मशीन, खाली बोतल, ढक्कन व गैलन में भारी स्पिरिट भी मिली है.  इस शराब को ले जाने में उत्पाद विभाग को लगभग दो दर्जन मजदूरों को लगाना पड़ा.  पहले तो पकड़ाए  लोगों ने कहा कि वह शेड  का निर्माण करने आए थे.  उन्हें शराब फैक्ट्री की कोई जानकारी नहीं है.  इसके बाद जब क्रेशर में लगे सीसीटीवी को देखा गया तो उसके फुटेज से साफ हुआ कि तीनों नकली शराब बनाने में शामिल थे.  धनबाद की यह  सबसे बड़ी बारामदगी   भी बताई जा रही है. 

शनिवार को कार से बरामद हुई है शराब की खेप 
 
इधर, शनिवार को उत्पाद विभाग की टीम ने एक कार  से भारी मात्रा में शराब और स्प्रिट जब्त  किया है.  शनिवार की सुबह गुप्त सूचना के आधार पर टुंडी रोड के समीप एक कार  को पकड़ा गया.  इसके बाद कार  से लगभग 60 लीटर स्परिट , शराब की बोतल और ढक्कन बरामद किए गए.  जो भी हो लेकिन धनबाद में शराब माफिया का एक मजबूत सिंडिकेट काम कर रहा है.  यह  सिंडिकेट शहरी  इलाकों से अलग हटकर ग्रामीण क्षेत्र में भी फैल गया है.  पिछले साल टुंडी में जो शराब फैक्ट्री पकड़ी गई थी, वह सुदूर ग्रामीण इलाके में चल रही थी.  गांव वालों को शराब सिंडिकेट के लोगों ने प्रलोभन देकर शराब बनाने का काम करा  रहे थे.  बिहार मैं अभी शराबबंदी है, इस वजह से झारखंड से शराब की आपूर्ति बिहार में की जा रही है. 
 कई बार इसके खुलासे  हो चुके है.  वैसे भी होली के समय शराब की डिमांड बढ़ जाती है.  अवैध शराब के अलावे वैध शराब की डिमांड भी रहती है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो