धनबाद (DHANBAD) : झारखंड की मंईयां सम्मान योजना में बिहार के किशनगंज से बड़ी सेंध लगाई गई है. लाभुकों को यह भी पता नहीं है कि उनके खाते में राशि आ रही है. मतलब शातिर लोगो ने यह फर्जीवाड़ा किया है. किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के लोग किसकी मदद से झारखंड की महत्वाकांक्षी योजना में सेंध लगाई है, इसकी जाँच शुरू हो गई है. इस पूरे सनसनीखेज प्रकरण में उनकी भूमिका है भी या नहीं, जांच का विषय है. झारखंड की पुलिस जांच को ठाकुरगंज पहुंची, तब वहां के लोगों को इसका पता चला. 

बंगाल के भी 132 लोगों ने उठाया है लाभ 

यह तो अलग बात है कि बंगाल के भी 132 लोगों ने गलत ढंग से इस योजना का लाभ लिया है. सूत्रों के अनुसार ठाकुरगंज प्रखंड के 40 लाभुकों को इस योजना का लाभ मिला है. इनमें से बहुत से लोग पुरुष भी है और कमाने के लिए बाहर चले गए है.  कुछ की मौत भी हो गई है. आश्चर्यजनक बात यह है कि कई लाभुकों को इसकी कोई जानकारी भी नहीं है. सीएसपी  संचालकों द्वारा इन  गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया है. अब संचालक पुलिस के रडार पर है. वहां की पुलिस भी कंफर्म कर रही है कि झारखंड पुलिस ठाकुरगंज आई थी और फर्जीवाड़े की जांच कर रही है. 40 लोगों के नाम पर ढाई हजार रुपए प्रति माह के रूप में तीन किस्त के पैसे का उठाव किया गया है. बंगाल के भी 132 लाभुक तीन किस्तों का भुगतान लिए है.  

मृत लोगों के नाम पर भी है पैसा का हुआ है उठाव 

सूत्र बताते हैं कि एक पंचायत में जब जांच को टीम पहुंची तो पता चला कि लाभुक की योजना शुरू होने से पहले ही मृत्यु हो गई है. 5 वर्ष पहले मौत हुई है लेकिन बैंक डिटेल बता रहा है कि उनका खाता अभी संचालित है. पुरुष होने के बावजूद उनके खाते में सम्मान योजना की दो से तीन किस्त की राशि पहुंची है. इसके अलावे एक वृद्ध के घर जब पुलिस पहुंची तो उनके भी होश उड़ गए. उन्हें कुछ भी पता नहीं है कि उनके खाते में राशि कब और कैसे पहुंची है. झारखंड पुलिस की जांच शुरू होने के बाद ठाकुरगंज इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि मंईयां सम्मान योजना की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है. सभी लाभुकों का सत्यापन किया जा रहा है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो