धनबाद(DHANBAD):  रेल सागर कॉरिडोर से जुड़ सकता है झारखंड , यह अलग बात है कि झारखंड के साथ कोयला उत्पादक अन्य प्रदेश  भी जुड़ेंगे. सस्ते कोयला परिवहन के लिए यह सब करने की योजना है.  बता दें कि रेल सागर कॉरिडोर से 2026 तक 65 मिलियन टन और 2030 तक 120 मिलियन टन कोयला ढुलाई का टारगेट फिक्स किया गया है. झारखंड के अलावा ओडिशा  और छत्तीसगढ़ जैसे कोयला उत्पादक राज्य इससे जुड़ सकते है.

कोयला मंत्रालय की बैठक में इन सब पर चर्चा की गई है. सूत्रों के अनुसार झारखंड के साहिबगंज के मल्टी मॉडल पोर्ट, जो अभी निर्माणाधीन  है. इस कॉरिडोर का हिस्सा हो सकता है. बैठक में शामिल अधिकारियों ने इसे एक दूरदर्शी पहल बताया है. बैठक में दूर दराज  के विशेष कर दक्षिणी और पश्चिमी भारत में कोयले की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बहुआयामी परिवहन प्रणालियों को अपनाने पर  बैठक में जोर  दिया गया.   

कोयला मंत्रालय ने आरएसआर मोड के माध्यम से सतत कोयला परिवहन के लिए सभी स्टेक होल्डर के साथ अहम बैठक की है. कोयला सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में रेल सागर कॉरीडोर पर गंभीरतापूर्वक मंथन किया गया.  रेल सागर कॉरीडोर से 2026 तक 65 मिलियन टन और 2030 तक 120 मिलियन टन कोयला ढुलाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो